संगीत को मुख्यतः शास्त्रीय संगीत और लोक संगीत में बांट सकते हैं।
ताल और लय के साथ सौंदर्य की अनुभूति कराने का साधन नृत्य है।
तमिलनाडु का तांजोर जिला ‘भरतनाटयम्’ नृत्यशैली का उद्भव स्थान माना जाता है।
कुचीपुड़ी नृत्य आंध्र प्रदेश में प्रचलित है।
रंगबिरंगी वेशभूषा तथा प्रभावपूर्ण प्रस्तुती के लिये कथकली शैली प्रसिद्ध है।
कथक भरत नाट्यम की तरह केरली लोकनृत्य का प्रकार है।
यह नृत्यशैली वेशभूषा, भाव और ताल की दृष्टि से स्वतंत्र अस्तित्व रखता है।
नाट्यकला शुरू से ही लोगों की पसंदीदा कला रह चुकी है।
भरतनाटयम् से मिलते जुलते नृत्य का एक प्रकार है।
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