यह घटना उस समय की है जब श्री राम लंका जीत कर अयोध्या लौटे थे।तब वह अयोध्या के राजा बन गए थे। तब एक दिन यम देवता कोई महत्वपूर्ण चर्चा करने श्री राम के पास आए थे।
मै भी आपसे एक वचन मांगता हूं कि जब तक मेरे और आपके बीच जो भी बातचीत चले तब तक हमारे बीच कोई नहीं आएगा। और जो आएगा उसको आपको मृत्युदंड देना पड़ेगा।
राम, लक्ष्मण को यह कहते हुए द्वारपाल नियुक्त कर देते है की जब तक उनकी और यम की बात हो रही है वो किसी को भी अंदर न आने दे, अन्यथा उसे उन्हें मृत्युदंड देना पड़ेगा।