आखिर क्यों दिया श्री राम ने लक्ष्मण को मृत्युदंड - Why did Shri Ram give death to Laxman?

यह घटना उस समय की है जब श्री राम लंका जीत कर अयोध्या लौटे थे।तब वह अयोध्या के राजा बन गए थे। तब एक दिन यम देवता कोई महत्वपूर्ण चर्चा करने श्री राम के पास आए थे।

तभी उन्होंने चर्चा आरंभ करने से पूर्व भगवान राम से कहा कि आप जो भी प्रतिज्ञा करते हैं उसे पूर्ण करते हैं।

मै भी आपसे एक वचन मांगता हूं कि जब तक मेरे और आपके बीच जो भी बातचीत चले तब तक हमारे बीच कोई नहीं आएगा। और जो आएगा उसको आपको मृत्युदंड देना पड़ेगा।

भगवान राम यम की बात सुनते हैं और उन्हें वचन दे देते हैं।

राम, लक्ष्मण को यह कहते हुए द्वारपाल नियुक्त कर देते है की जब तक उनकी और यम की बात हो रही है वो किसी को भी अंदर न आने दे, अन्यथा उसे उन्हें मृत्युदंड देना पड़ेगा।

उसी समय महर्षि दुर्वासा वहां पहुंचते हैं और लक्ष्मण को कहते हैं कि राम से कहिए ऋषि दुर्वासा उन्हें तुरंत मिलना चाहते हैं।

उसी समय महर्षि दुर्वासा वहां पहुंचते हैं और लक्ष्मण को कहते हैं कि राम से कहिए ऋषि दुर्वासा उन्हें तुरंत मिलना चाहते हैं।

तब लक्ष्मण ऋषि दुर्वासा से कहते हैं की राम और यम कोई महत्वपूर्ण चर्चा कर रहे हैं तो इस समय उन्हें यह बात नहीं कह सकते हैं ऋषि दुर्वासा को प्रतीक्षा करने को कहते हैं।

ऋषि दुर्वासा क्रोधित हो जाते हैं और लक्ष्मण को कहते हैं कि अगर तुमने मेरी आज्ञा का पालन नहीं किया तो मैं पूरी अयोध्या को मेरे श्राप से भस्म कर दूंगा।

यह बात सुन लक्ष्मण धर्म धर्म संकट में फस जाते हैं और अयोध्या को बचाने के लिए खुद के प्राण जोखिम में डाल देते हैं।यही कारण है कि श्री राम को लक्ष्मण को मृत्युदंड देना पड़ा।