हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आमतौर पर कुमकुम, हल्दी, चंदन, भस्म आदि का तिलक या टीका लगाने की परंपरा चली आ रही है। तो आइए जानते हैं Benefits of Applying Tilak – माथे पर तिलक क्यों लगाया जाता है। और टीका लगाने के पीछे के धार्मिक और वैज्ञानिक कारण भी जानते हैं।
Why is Tilak Applied on the Forehead?
हिंदू धर्म में न जाने कितनी ऐसी प्रथाएं हैं जो सदियों से चली आ रही हैं और लोग उनका श्रद्धा से पालन करते चले आ रहे हैं। ऐसी ही एक रस्म है माथे पर तिलक लगाने की। आपने अक्सर देखा होगा कि घर के बड़े किसी भी शुभ काम से पहले, पूजा के दौरान या किसी कथा के पश्चात माथे पर तिलक लगाने की सलाह देते हैं। पूजा-पाठ के दौरान, त्योहारों पर या किसी खास काम के लिए बाहर जाने से पहले तिलक लगाने का विधान है। वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें दिखावे के लिए तिलक लगाना पसंद नहीं होता तो वे अपने माथे पर जल से भी तिलक लगा सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शास्त्रों में तिलक लगाने को इतना महत्वपूर्ण क्यों माना गया है।
तिलक लगाने के लाभ – Benefits of Applying Tilak
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रोजाना अपने माथे पर तिलक लगाने से कुंडली में ग्रहों को शांति मिलती है, व्यक्ति के स्वभाव में मधुरता आती है तथा उसके सौभाग्य में वृद्धि होती है। वहीं जिस घर के लोग नियमित चंदन का तिलक या टीका लगाते हैं उनके घर में धन-धान्य बना रहता है।
इसके अलावा इसका वैज्ञानिक मत भी है। माना जाता है कि तिलक लगाने से यह आपके आत्मविश्वास में वृद्धि करता है। वहीं नियमित रूप से माथे पर तिलक लगाने से यह आपके मस्तिष्क को शीतलता प्रदान करता है और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। वहीं माथे के बीच-बीच तिलक लगाने से यह आपकी मन की एकाग्रता बढ़ाने में भी सहायक माना जाता है।
किस उंगली से तिलक लगाया जाता है ?
तिलक किसी भी उंगली या अंगूठे से लगाया जा सकता है। अनामिका उंगली का इस्तेमाल मुख्य रूप से तिलक लगाने के लिए किया जाता है। कहा जाता है कि मोक्ष प्राप्ति और आध्यात्मिक रूप से आगे बढ़ने के लिए अंगूठे से तिलक लगाना शुभ होता है। किसी युद्ध में विजय प्राप्त करने सुर शत्रु का नाश करने के लिए तर्जनी उंगली से तिलक करना शुभ माना जाता है। धन प्राप्ति के लिए तिलक लगाने में मध्यमा उंगली का इस्तेमाल किया जाता है।
माथे पर तिलक क्यों लगाया जाता है – Why is Tilak Applied on the Forehead
तिलक लगाने के धार्मिक कारण
धार्मिक मान्यता के मुताबिक मस्तक के बीचोंबीच भगवान विष्णु का निवास होता है। उस स्थान पर ही तिलक भी लगाया जाता है। मान्यता है कि इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। महिलाएं इसे मातारानी का आशीर्वाद मानकर मस्तक पर लगाती हैं। इसके अलावा इस स्थान को त्रिवेणी या संगम भी कहा जाता है क्योंकि यहां पर शरीर की तीन नाड़ियां एक साथ मिलती हैं। यही स्थान मन का गुरू का भी होता है, इसलिए इसे काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस स्थान पर तिलक लगाने से मन की एकाग्रता बढ़ती है और व्यक्ति का तेज बढ़ता है। हिंदू धर्म में संगम तट पर गंगा स्नान के बाद तिलक लगाया जाता है, मान्यता है कि इससे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। धार्मिक रूप से चंदन, रोली, हल्दी, कुमकुम और भस्म के तिलक का अलग अलग महत्व है।
वैज्ञानिक कारण
हमारे शरीर में सात चक्र होते हैं, इन्हें ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। मस्तक के बीचोंबीच आज्ञाचक्र होता है। यही स्थान पीनियल ग्रन्थि का होता है। जब उस स्थान पर तिलक लगाया जाता है तो पीनियल ग्रन्थि का उद्रदीपन होता है। इससे शरीर के सूक्ष्म और स्थूल अवयन जागृत होते हैं। मस्तक पर तिलक लगाने से बीटाएंडोरफिन और सेराटोनिन नामक रसायनों का स्राव भी संतुलित होता है। इससे मस्तिष्क शांत होता है। एकाग्रता बढ़ती है, गुस्सा और तनाव कम होता है और सकारात्मक सोच विकसित होती है।
सफेद, लाल और पीला तिलक लगाने की मान्यता
दिन के अनुसार तिलक लगाने पर शुभ फल मिलता है। मान्यता है कि सोमवार के दिन सफेद चंदन का तिलक लगाने से मन शांत रहता है। वहीं मंगलवार के दिन चमेली के तेल में सिंदूर घोलकर लगाना शुभ होता है। बुधवार के दिन सूखा सिंदूर लगाने से भगवान की कृपा होती है। गुरुवार के दिन पीला चंदन या हल्दी का तिलक लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
शुक्रवार के दिन लाल चंदन या कुमकुम का तिलक लगाने से घर में खुशहाली आती है। शनिवार के दिन भस्म का तिलक लगाने से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं। रविवार के दिन लाल चंदन लगाने से व्यक्ति को मान-सम्मान और धन की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के मुताबिक चंदन का तिलक लगाने वाले का घर अन्न-धन से भरा रहता है और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल।
1.तिलक लगाने का वैज्ञानिक कारण क्या है? (Why Tilak is Applied on the Forehead)
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से चंदन का तिलक लगाने से दिमाग में शांति, तरावट एवं शीतलता बनी रहती है। मस्तिष्क में सेराटोनिन व बीटाएंडोरफिन नामक रसायनों का संतुलन होता है। मेघाशक्ति बढ़ती है तथा मानसिक थकावट विकार नहीं होता। मस्तिष्क के भ्रु-मध्य ललाट में जिस स्थान पर टीका या तिलक लगाया जाता है यह भाग आज्ञाचक्र है।
2.तिलक लगाते Time सिर पर हाथ क्यों रखते हैं?
तिलक करवाते समय सिर के पीछे हाथ क्यों रखा जाता है? तिलक करवाते समय सिर पर टोपी या पगड़ी का होना इस बात का संकेत होता हैं कि आप के सिर पर आप के बड़ो का आशीर्वाद हैं। टोपी या पगड़ी के अभाव में सिर पर हाथ रख कर तिलक लगवाने के रिवाज लोग सुविधानुसार बना लेते हैं।
3.हिंदू धर्म में तिलक का क्या महत्व है?
तिलक लगाना हिंदू परंपरा का एक विशेष अंग है। सभी प्रकार के पूजा-पाठ, यज्ञ और अनुष्ठानों में तिलक लगाए जाते हैं। इसके अलावा किसी शुभ कार्य के लिए घर से बाहर जाने से पहले भी तिलक लगाने का महत्व है। हिंदू धर्म में केवल माथे पर ही नहीं बल्कि कंठ,नाभि, पीठ, भुजाओं पर भी तिलक लगाए जाते हैं।
4.तिलक किसका प्रतीक है?
तिलक देवताओं का आशीर्वाद का प्रतीक होता है। तिलक लगाना शुभ और मंगलकारी माना जाता है। जैसे तिलक रोली, चंदन, कुमकुम, भस्म आदि का लगाया जाता है, जिनका महत्व भी अलग-अलग है।
5.कौन सी उंगली से तिलक लगाना चाहिए?
हमेशा अनामिका उंगली से तिलक लगाना चाहिए। इससे मानसिक शक्ति प्रबल बनती है। हिंदू धर्म मान्यता के अनुसार बीच वाली उंगली में शनि ग्रह होता है और शनि ग्रह सफलता का प्रतीक माना जाता है इसलिए इस उंगली से तिलक करने पर व्यक्ति को कार्य में सफलता मिलती है।
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