Indian Navy: भारत में बनी INS वागीर होगी नौसेना में शामिल – Indian Navy: INS Vagir Made in India will be Included in the Navy.
भारत में बनी INS वागीर होने जा रही है नौसेना में शामिल। इसे साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जा रहा है।चलिए जानते हैं कि भारत में बने INS वागीर को साइलेंट किलर के नाम से क्यों जाना जा रहा है।
डीजल इलेक्ट्रिक क्लास की सबमरीन आईएनएस वागीर की लंबाई 221 फीट और चौड़ाई 40 फीट है। इसमें चार ताकतवर इंजन लगे हैं। यह समुद्र के अंदर 37 किलोमीटर प्रतिघंटे की टॉप स्पीड से चल सकती है और समुद्र की सतह पर एक बार में 12 हजार किलोमीटर का सफर कर सकती है।
पांचवीं कलवारी श्रेणी की पनडुब्बी ‘वागीर’ को 23 जनवरी को भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा। इसे मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में स्वदेश निर्मित किया गया है। कलवारी श्रेणी की चार पनडुब्बियों को पहले ही भारतीय नौसेना में शामिल किया जा चुका है। अधिकारियों ने बताया कि इस समारोह में नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार मुख्य अतिथि होंगे।
आईएनएस वागीर की मदद से नौसेना को एंटी सबमरीन युद्ध, खूफिया सूचना जुटाने, समुद्र में बारूदी सुरंग बिछाने और सर्विलांस के काम में काफी मदद मिलेगी। इस सबमरीन के निर्माण की शुरुआत जुलाई 2009 में हुई थी और नवंबर 2020 में इसका नाम वागीर रखा गया। इस सबमरीन में उन्नत ध्वनिक अवशोषण तकनीक का इस्तेमाल किया गया है और इस तकनीक से बनी यह सबमरीन रिकॉर्ड समय में तैयार हुई है। डीजल इलेक्ट्रिक क्लास की सबमरीन आईएनएस वागीर की लंबाई 221 फीट और चौड़ाई 40 फीट है। इसमें चार ताकतवर इंजन लगे हैं। यह समुद्र के अंदर 37 किलोमीटर प्रतिघंटे की टॉप स्पीड से चल सकती है और समुद्र की सतह पर एक बार में 12 हजार किलोमीटर का सफर कर सकती है। वहीं समुद्र के भीतर यह एक बार में एक हजार किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है। यह सबमरीन समुद्र में अधिकतम 350 मीटर की गहराई तक जा सकती है और लगातार 50 दिन समुद्र के अंदर रह सकती है।
Indian Navy: INS Vagir Made in India will be Included in the Navy.
आईएनएस वागीर को साइलेंट किलर कहें तो गलत नहीं होगा क्योंकि यह सबमरीन बेहद खामोशी से अपने मिशन को अंजाम देती है। साथ ही यह स्टील्थ तकनीक से लैस है, जिसकी वजह से यह आसानी से रडार की पकड़ में भी नहीं आती। आईएनएस वागीर आधुनिक नेविगेशन और ट्रैकिंग तकनीक से लैस है। इस सबमरीन में 533 एमएम के 8 टारपीडो ट्यूब हैं, जिनमें 18 टारपीडो मिसाइल लोड की जा सकती हैं। यह सबमरीन एंटी शिप मिसाइलों से भी लैस है। इस सबमरीन की खूबियों को देखते हुए इसे ‘सैंड शार्क’ भी कहा जाता है।
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