Today is the Auspicious Rathasaptami, know About the Method of Worship
रथ सप्तमी के दिन सूर्य के सात घोड़े उनके रक्त को भ्रमण करवाते हैं। रथ सप्तमी के दिन भगवान सूर्यनारायण की विशेष पूजा अर्चना की जाती है जिससे हमें उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त हो। रथ सप्तमी पर जन्म कुंडली के अभाव को पूजा अर्चना करके दूर किया जा सकता है। रथ सप्तमी पर भगवान सूर्यनारायण की प्रिय धातु तांबे से बनी अंगूठी को गंगाजल में शुद्ध करके अनामिका उंगली में पहना जाता है।
रथसप्तमी का मुहूर्त, पूजन विधि के बारे में जाने
आज माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को रथ सप्तमी का त्योहार माना जाता है। सप्तमी के दिन भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। इसे माघ सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को कश्यप ऋषि और अदिति के सहयोग से भगवान सूर्य का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को सूर्य की जन्मतिथि भी कहा जाता है। रथ सप्तमी के दिन दान पुण्य करना काफी शुभ माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को सभी तरह के पापों से छुटकारा मिल सकता है। इसी दिन से सूर्य के सात घोड़े उनके रथ को भ्रमण करवाना प्रारंभ करते हैं इसलिए इसको रथसप्तमी भी कहते हैं। इस बार सूर्य की रथसप्तमी 28 जनवरी 2023 को है।
रथ सप्तमी का मुहूर्त
रथ सप्तमी के दिन का स्नान मुहूर्त 5:25 से 7:11 तक रहेगा। रथ सप्तमी के दिन सूर्य उदय सूर्य उदय सुबह 6:46 पर देखा जा सकता है।रथ सप्तमी का मुहूर्त सुबह 9:10 से शुरू होगा तथा शाम 8:43 पर खत्म हो जाएगा।
Today is the Auspicious Rathasaptami, know About the Method of Worship
रथ सप्तमी की पूजा
रथ सप्तमी की पूजा से पहले प्रातः स्नान करें तथा सूर्य और पितृ पुरुषों को जल अर्पित करें। घर के बाहर या मध्य में 7 रंगों की रंगोली बनाएं तथा मध्य में चार मुख वाला दीपक रखें। चारों मुख्य को प्रज्वलित करें। लाल पुष्प और शुद्ध मीठा पदार्थ अर्पित करें। गायत्री मंत्र सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें। जाप के बाद गेहूं, गुड़, तिल तांबे का बर्तन लाल वस्त्र दान करें।इसके बाद घर के प्रमुख के साथ-साथ सभी लोग भोजन ग्रहण करें।
इस दिन घर की पूर्व दिशा को साफ करके वहां पर दीपक जलाना चाहिए और गायत्री मंत्र का 27 बार जाप करना चाहिए। कुश के आसन पर बैठकर आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें। और पाठ के बाद अपने पिता या पिता की उम्र के समान व्यक्ति के चरण स्पर्श करें। रथ सप्तमी के दिन घर पर कुछ मीठा भोजन बनाकर नेत्रहीन व्यक्ति को खिलाना चाहिए। इस दिन जरूरतमंद लोगों को गेहूं, तांबे के बर्तन, लाल कपड़े दान कर सकते हैं।
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