इस साल राखी बांधने की सही तिथि और शुभ मुहूर्त क्या है – Why is Raksha Bandhan Celebrated?

Why is Raksha Bandhan Celebrated?: हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल सावन महीने की पूर्णिमा तिथि पर रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। भारत में वैसे तो कई तरह के पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन रक्षाबंधन का अलग ही महत्व है। हर साल ये पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई में राखी बांधती हैं और उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं। वहीं भाई प्रेमरूपी रक्षा धागे को बंधवा कर बहन की उम्र भर रक्षा करने का संकल्प लेते हैं। रक्षाबंधन एक ऐसा त्योहार है, जिसे मनाते तो सिर्फ एक दिन हैं, लेकिन इससे बनने वाले रिश्ते जिंदगी भर निभाए जाते हैं। हालांकि इस साल भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन एक नहीं बल्कि 2 दिन माना जा रहा है। जानिए इसका क्या कारण है और बहनें किस दिन भाइयों की कलाई पर राखी बांधेंगी।

Why is Raksha Bandhan Celebrated?

रक्षाबंधन के दिन बहन भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर उसकी तरक्की की कामना करती हैं। वहीं भाई, बहन की रक्षा और उसे खुशियां प्रदान करने का वचन देता। क्या आप जानते हैं रक्षाबंधन की शुरुआत कैसे हुई ? हर साल सावन पूर्णिमा पर ही रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है ? रक्षाबंधन से मां लक्ष्मी का क्या है संबंध ? आइए जानते हैं इन्हीं सवालों के जवाब।

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है?

इस साल राखी बांधने की सही तिथि और शुभ मुहूर्त क्या है - Why is Raksha Bandhan Celebrated?
Why is Raksha Bandhan Celebrated?

पौराणिक कथा के अनुसार जब भगवान विष्णु राजा बलि के साथ पाताल लोक में रहने चले गए तब देवी लक्ष्मी चिंतित हो उठी। पति को वापस लाने के लिए नारद जी देवी लक्ष्मी से कहा कि आप राजा बलि को राखी बांधकर भाई बना लीजिए और वरदान के रूप में भगवान विष्णु को मांग लीजिए। देवी लक्ष्मी ने भेष बदलकर राजा बलि को राखी बांधी और विष्णु जी को मांग लिया। संयोग से उस दिन सावन पूर्णिमा थी। ऐसा माना जाता है कि तभी से भाई- बहन का पवित्र पर्व रक्षाबंधन मनाया जाने लगा। कहते हैं कि सबसे पहले देवी लक्ष्मी ने ही राखी बांधने की शुरुआत की थी।

इस साल राखी बांधने की सही तिथि और शुभ मुहूर्त क्या है – Why is Raksha Bandhan Celebrated?

रक्षाबंधन से जुड़ी एक प्रचलित कथा

Why is Raksha Bandhan Celebrated?

रक्षाबंधन को लेकर महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण और द्रौपदी से जुड़ी एक कथा प्रचलित है। जब इंद्रप्रस्थ में शिशुपाल का वध करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र चलाया था। उसी दौरान श्रीकृष्ण को भी उंगली में चोट आई थी। उस समय द्रोपदी ने अपने साड़ी का पल्लू फाड़ के भगवान के उंगली पर बांध दिया। तब श्रीकृष्ण ने द्रोपदी को वचन दिया था कि वह उसकी रक्षा करेंगे। भगवान ने चीर हरण के वक्त द्रौपदी को दिया वचन निभाया और उनकी लाज बचाई।

रक्षाबंधन कब है 30 या 31 अगस्त 2023

Why is Raksha Bandhan Celebrated?

पंचांग के अनुसार सावन महीने की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से हो रही है। इसका समापन 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर होगा। 30 अगस्त को पूर्णिमा तिथि की शुरुआत से ही यानी सुबह 10 बजकर 58 मिनट से भद्रा शुरू हो जा रही है और रात 09 बजकर 01 मिनट तक है।

ऐसे में 30 अगस्त को भद्रा के कारण राखी बांधने का मुहूर्त दिन में नहीं है। इस दिन रात में 9 बजे के बाद राखी बांधने का मुहूर्त है। इसके अलावा 31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक है और इस समय में भद्रा नहीं है। ऐसे में 31 अगस्त को सुबह 7 बजे तक बहनें भाई को राखी बांध सकती हैं। इस प्रकार से इस साल रक्षाबंधन 2 दिन 30 और 31 अगस्त को मनाया जा सकता है।

रक्षाबंधन पर भद्रा का साया

Why is Raksha Bandhan Celebrated?

सावन पूर्णिमा पर रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है और इस साल सावन माह की पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को है, लेकिन कहा जा रहा है कि इस साल 30 अगस्त को पूर्णिमा वाले दिन भद्रा का साया है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि यदि श्रावण पूर्णिमा तिथि पर भद्रा का साया हो तो भद्राकाल तक राखी नहीं बांधी जा सकती है। उसके समापन के बाद ही राखी बांधी जाती है, क्योंकि भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। ऐसे में इस साल रक्षाबंधन का पर्व 30 और 31 अगस्त दो दिन मनाया जाएगा।

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 2023

30 अगस्त को राखी बांधने का मुहूर्त- रात 09 बजकर 01 से
31 अगस्त को राखी बांधने का मुहूर्त: सूर्योदय काल से सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक

भद्रा में राखी क्यों नहीं बांधते हैं?

Why is Raksha Bandhan Celebrated?

कहा जाता है कि शूर्पणखा ने अपने भाई रावण को भद्रा काल में राखी बांध दी थी, जिस वजह से रावण के पूरे कुल का सर्वनाश हो गया। इसलिए ऐसा माना जाता है कि भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। यह भी कहा जाता है कि भद्रा में राखी बांधने से भाई की उम्र कम होती है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल।

क्या रात में राखी बांधी जा सकती है?
वैसे तो भद्रा 30 अगस्त को रात्रि में समाप्त हो रही है, लेकिन रात्रि में रक्षा सूत्र नहीं बांधना चाहिए । इसलिए 31 अगस्त 2023 को सुबह 07:05 बजे से पहले राखी बांध सकते हैं. इस दिन शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजे से शुरू होकर सुबह 7 बजकर 50 मिनट तक रहेगा.

रक्षा बंधन पर किसकी पूजा की जाती है?
श्रावण मास की पूर्णिमा पर यहां शिवजी की धूमधाम से पूजा की जाती है। यहां सावन के आखिरी दिन पर शिवजी का अभिषेक करने की खास मान्‍यता होती है। इसलिए गुजरात में इसे शिवजी की पूजा के रूप में मनाया जाता है। इन दोनों राज्‍यों रक्षाबंधन पर राखी बांधने के साथ-साथ कजरी पूर्णिमा भी मनाई जाती है।

रक्षाबंधन मनाने के पीछे क्या कारण है?
इसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी को उनकी रक्षा का वचन दिया था. इसी वचन के तहत द्रौपदी के चीरहरण के वक्त भगवान श्री कृष्ण ने उनकी रक्षा की. तब से इस त्योहार को मनाया जा रहा है. रक्षाबंधन को मनाए जाने के पीछे एक और कहानी देवताओं के राजा इंद्र और असुरों के राजा बलि से जुड़ी है.

 

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