यह बात तो हर कोई कहता है कि खाना खाने के बाद कुछ मीठा खाना चाहिए। हिंदू शास्त्र और आयुर्वेद आयुर्वेद में इस बात का उल्लेख किया गया है। लेकिन खाना खाने से पहले तीखा यह कहते नहीं सुना है ना ही कोई जानता है कि खाने मे पहले तीखा क्यों खाया जाता है। चलिए आज हम तीखा क्यों पहले खाना है और मीठा क्यों बाद में खाना है यह बात जानते हैं।
भोजन की शुरुआत में तीखा तथा अंत में मीठा खाने के 4 फायदे – 4 Benefits of Eating Spicy at the Beginning of the Meal and Sweet at the End.
तीखा:
(1) खाने से पहले तीखा इसलिए खाते हैं ताकि हमारा पाचन तंत्र सक्रिय रहे।
2) वैज्ञानिकों के अनुसार जब हम तीखा खाते हैं तो हमारा शरीर पाचन रस और एसिड बनाता है। जो हमारे पाचन की क्रिया को बढ़ाते हैं। जिससे हमारा खाना जल्दी पच जाता है।
3) आयुर्वेद के अनुसार खाने में पहले तीखा भोजन करने से पेट में पाचन तत्व तथा अम्ल सक्रिय हो जाते हैं।जिससे हमारा पाचन तंत्र तेज हो जाता है।
4) भोजन के शुरुआत में तीखा खाने से पेट की अग्नि बढ़ जाती है जिससे भूख खूब लगती है। जबकि पहले मीठा खाने से पेट भर जाता है और भूख मर जाती है।
मीठा:
1) मीठी चीजों में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। जिससे अगर पहले मीठा खाया जाए तो पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है इसलिए हमेशा खाना खाने के बाद ही मीठा खाइए। जिससे पाचन प्रक्रिया भी दुरुस्त रहती है।
2) कई बार भारी खाना खाने की वजह से हाइपोग्लाइसीमिया जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इस स्थिति में ब्लड प्रेशर काफी कम हो जाता है। इस स्थिति से बचने के लिए खाना खाने के बाद मीठा खाना चाहिए।
3) कई बार हमें मीठा खाने से खुशी का अनुभव होता है। वह इसलिए क्योंकि मीठा खाने से सेरोटोनिन नाम के हार्मोन का स्तर बढ़ता है। जिसकी वजह से हमें खुशी का अनुभव होता है। मीठा खाना एमिनो एसिड ट्रिप्टोफैन के अवशोषण को बढ़ाता है। ट्रिप्टोफैन को सेरोटोनिन लेवल को बढ़ाने के लिए जाना जाता है।
4) आयुर्वेद के अनुसार खाने के बाद मीठा खाने से अम्ल की तीव्रता कम हो जाती है। जिससे पेट में जलन या एसिडिटी की प्रॉब्लम नहीं होती है।
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