2023: The right time for Mangal Aarti and worship of Mahashivratri
महाशिवरात्रि पर पंचक्रोशी मार्ग के साथ ही कण-कण शंकर की नगरी पूरी तरह से शिवमय हो जाएगा। शहर के शिवमंदिरों में शिवरात्रि के दर्शन पूजन की तैयारियां तेज हो गई हैं। कहीं रंग रोगन तो कहीं रास्तों को दुरुस्त कराया जा रहा है। पिछले साल महाशिवरात्रि पर लगभग छह लाख श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया था।
महाशिवरात्री 2023 की मंगल आरती और पूजा का सही मुहूर्त
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महाशिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ के धाम में श्रद्धालुओं का नया रिकॉर्ड बनेगा। शिव की नगरी में जहां आस्था का सागर लहराएगा वहीं बाबा के धाम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की सुरगंगा भगवान शिव का अभिषेक करेंगी। 18 फरवरी को महाशिवरात्रि पर राजराजेश्वर पूरी रात जागकर भक्तों को दर्शन देंगे। मंदिर के चारों प्रवेश द्वार से श्रद्धालुओं को प्रवेश मिलेगा। शिवभक्तों की भीड़ को देखते हुए मंदिर में झांकी दर्शन का इंतजाम रहेगा और श्रद्धालु बाहर से बाबा का जलाभिषेक करेंगे।
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महाशिवरात्रि पर पंचक्रोशी मार्ग के साथ ही कण-कण शंकर की नगरी पूरी तरह से शिवमय हो जाएगा। शहर के शिवमंदिरों में शिवरात्रि के दर्शन पूजन की तैयारियां तेज हो गई हैं। कहीं रंग रोगन तो कहीं रास्तों को दुरुस्त कराया जा रहा है। पिछले साल महाशिवरात्रि पर लगभग छह लाख श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया था। महाशिवरात्रि का महापर्व 18 से शुरू होकर 19 फरवरी की शाम तक रहेगा। ऐसे में बाबा के दरबार में श्रद्धालुओं का आंकड़ा नया रिकॉर्ड बना सकता है। भक्तों को बाबा के स्पर्श दर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी, केवल झांकी दर्शन मिलेगा। गर्भगृह में भी प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए चार प्रवेश द्वार निर्धारित होंगे। वहीं इस बार गंगा घाट पर सजने वाली सांस्कृतिक संध्या भी श्री काशी विश्वनाथ धाम के मंदिर चौक पर ही होगी।
शिव मंदिरों में तैयारियां शुरू
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महाशिवरात्रि पर शहर के शिवमंदिरों में तैयारियां चल रही हैं। बीएचयू विश्वनाथ मंदिर, जागेश्वर महादेव, तिलभांडेश्वर महादेव, महामृत्यंजय मंदिर, सारंगनाथ, कपिलधारा, मारकंडेय महादेव, रामेश्वर, गौरीकेदारेश्वर आदि मंदिरों में तैयारियां चल रही हैं। वहीं पंचक्रोशी परिक्रमा मार्ग पर भी शिवभक्त एकदिवसीय यात्रा पर निकलेंगे। पंचक्रोशी परिक्रमा मार्ग के मंदिरों में भी तैयारियां चल रही हैं।
महाशिवरात्री 2023 की मंगल आरती और पूजा का सही मुहूर्त
पूजन का सही मुहूर्त
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काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य पं. दीपक मालवीय ने बताया कि महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक और भगवान शिव का पूजा के लिए दिन भर मुहूर्त है। जो लोग निशीथ काल में पूजा करना चाहते हैं, उनके लिए रात 12:09 मिनट से रात एक बजे तक का मुहूर्त बन रहा है। शिवलिंग पर शुद्ध जल और बिल्व पत्र अर्पित करके ऊं नम: शिवाय का जाप करने मात्र से ही शिव प्रसन्न हो जाते हैं।
काशी विद्वत कर्मकांड परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 18 फरवरी 2023 शनिवार को रात 8 बजकर दो मिनट से अगले दिन 19 फरवरी को शाम चार बजकर 18 मिनट तक रहेगी। महाशिवरात्रि के लिए निशिथ काल पूजा का मुहूर्त चतुर्दशी तिथि में होना आवश्यक है इसलिए महाशिवरात्रि 18 फरवरी को ही मनाई जाएगी।
शिवजी को बेलपत्र क्यों चढ़ाया जाता है? – Why is Belpatra Offered to Lord Shiva?
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