6 Best Career Course After 12th: बारहवीं कक्षा में पहुंचते ही स्टूडेंट्स और उनके माता-पिता के मन में कई सवाल जन्म लेते हैं। सभी स्टूडेंट्स या उनके माता-पिता चाहते हैं कि 12th के बाद कौन का कोर्स किया जायेगा। वे सभी ऐसे कोर्सेज को करने के बारे में सोचते हैं जिससे जल्दी करियर ग्रोथ के साथ ही वेतन भी लाखों में मिल जाए। हम यहां कुछ ऐसे ही कोर्सेज के बारे में बात करने जा रहे हैं। इन कोर्सेज को करके आप बेहतर भविष्य निर्माण के साथ ही लाखों में सैलरी प्राप्त कर सकते हैं।
6 Best Career Course After 12th
12वीं तक की पढ़ाई करने के बाद सबसे मुश्किल समय होता है क्योंकि उस समय यह तय करना होता है कि अब किस फील्ड में अपना करियर बनाना है. इसमें इसका भी ध्यान रखना होता है कि आपको क्या करना पसंद है और आपको जो करना पसंद है उससे कमाई कितनी हो सकती है. इन दोनों का तालमेल बैठाना भी जरूरी है. क्योंकि आप अगर बिना मन के किसी काम को करेंगे तो लंबे समय तक नहीं कर पाएंगे. आज हम आपको कुछ ऐसे कोर्सेज के बारे में बता रहे हैं जिनको करके आप लाखों रुपये की सैलरी पा सकते हैं या अपना बिजनेस कर सकते हैं.
12वीं के बाद के हायर सैलेरी कोर्सेज – Higher Salary Courses after 12th
1. डिजिटल मार्केटिंग
अपनी वस्तुएं और सेवाओं की डिजिटल साधनो से मार्केटिंग करने की प्रतिक्रिया को डिजिटल मार्केटिंग कहते है ।डिजिटल मार्केटिंग इंटरनेट के माध्यम से करते हैं । इंटरनेट, कंप्यूटर, मोबाइल फ़ोन , लैपटॉप , website adertisements या किसी और applications द्वारा हम इससे जुड सकते हैं।
1980 के दशक में सर्वप्रथम कुछ प्रयास किये गये डिजिटल मार्किट को स्थापित करने में परंतु यह सम्भव नही हो पाया । 1990 के दशक मे आखिर मे इसका नाम व उपयोग शुरु हुआ।
डिजिटल मार्केटिंग नये ग्राहकों तक पहुंचने का सरल माध्यम है। यह विपणन गतिविधियों को पूरा करता है। इसे ऑनलाइन मार्केटिंग भी कहा जा सकता है। कम समय में अधिक लोगों तक पहुंच कर विपणन करना डिजिटल मार्केटिंग है। यह प्रोध्योगीकि विकसित करने वाला विकासशील क्षेत्र है।
2. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक कंप्यूटर, एक कंप्यूटर नियंत्रित रोबोट, या एक सॉफ्टवेयर बनाने की एक विधि है जो मानव मन की तरह बुद्धिमानी से सोचती है। एआई मानव मस्तिष्क के पैटर्न का अध्ययन करके और संज्ञानात्मक प्रक्रिया का विश्लेषण करके हासिल किया जाता है। इन अध्ययनों के परिणाम बुद्धिमान सॉफ्टवेयर और सिस्टम विकसित करते हैं।यहां पिछले छह दशकों की एक संक्षिप्त समयरेखा दी गई है कि एआई अपनी स्थापना से कैसे विकसित हुआ।
1956 – जॉन मैक्कार्थी ने ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ शब्द गढ़ा और पहला एआई सम्मेलन किया।
1969 – शकी पहला सामान्य प्रयोजन वाला मोबाइल रोबोट बनाया गया। यह अब एक उद्देश्य बनाम केवल निर्देशों की एक सूची के साथ काम करने में सक्षम है।
1997 – सुपरकंप्यूटर ‘ डीप ब्लू ‘ का डिजाइन तैयार किया गया और इसने विश्व चैम्पियन शतरंज खिलाड़ी को एक मैच में हरा दिया। इस बड़े कंप्यूटर को बनाना IBM द्वारा एक बहुत बड़ा मील का पत्थर था।
3. सीए और सीएस
चार्टर्ड एकाउंटेंसी क्या है?
चार्टर्ड एकाउंटेंसी एक इंटरनेशनल करियर क्षेत्र है जो इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ़ इंडिया (ICAI) द्वारा मान्यता प्राप्त है। कोर्स ऑडिट, एकाउंटिंग और फाइनेंसियल मैनेजमेंट टेक्निक्स और स्किल प्रदान करता है जो बिज़नेस और फाइनेंस सेक्टर में काम करने के इच्छुक लोगों के लिए करियर के अवसर खोलते हैं। एक चार्टर्ड एकाउंटेंट एक प्रोफेशनल हैं जो रिस्क मैनेजमेंट आस्पेक्ट का एनालिसिस करते हैं, एकाउंट्स को मेन्टेन करते हैं और साथ ही भविष्य के लिए फाइनेंसियल एडवाइज भी प्रदान करते हैं।
कंपनी सेक्रेटरी क्या होता है?
कंपनी सेक्रेटरी एक कंपनी के मुख्य आस्पेक्ट्स में से एक होते हैं। टैक्स के मैनेजमेंट के अलावा, एक यह भी सुनिश्चित करता है कि आर्गेनाइजेशन लॉ, वैधानिक और नॉन-वैधानिक कार्यों का अच्छे से रखरखाव करते हैं। ICSI उन लोगों को प्रोफेशनल ट्रेनिंग प्रदान करता हैं, जो बिज़नेस फर्म्स के फाइनेंसियल और लीगल आस्पेक्ट्स में अपना करियर बनाने की इच्छा रखते हैं। कोर्स लीगल आस्पेक्ट्स को संभालने और कंपनी की ब्रांड इमेज के मैनेजमेंट का ज्ञान प्रदान करता है। एक कंपनी सेक्रेटरी, कंपनी के टैक्स रिटर्न्स को पूरा करने, रिकॉर्ड रखने, बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स और एडवाइजरी बोर्ड ऑफ़ मेंबर्स और सभी कानूनी और वैधानिक रूल्स को सुनिश्चित करते हैं।
4. साइबर सिक्योरिटी – Cyber Security
साइबर सुरक्षा जिसे कंप्यूटर सुरक्षा या इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी सुरक्षा भी कहा जाता है यह डाटा , कम्प्यूटर्स , नटवर्क और सॉफ्टवेयर को साइबर आक्रमण से दूर रखने का एक तरीका है . साइबर सुरक्षा में कंप्यूटर और नेटवर्क में उपलब्ध किसी भी प्रकार की सूचनाओं और डाटा को सुरक्षित और गोपनीय रखने का अभ्यास किया जाता है . यह सॉफ़्टवेयर या इलेक्ट्रॉनिक डेटा की चोरी या क्षति के साथ-साथ उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के विघटन या गलत पहचान से कंप्यूटर सिस्टम और नेटवर्क की सुरक्षा है
Cyber Security का अर्थ इंटरनेट पर सुरक्षा से है जब आप इंटरनेट यूज़ करते है या इंटरनेट से जुड़े होते है तब कई प्रकार का खतरा आप पर बना रहता है क्योंकि हैकर्स काफी सारे अलग अलग तरीकों से साइबर सुरक्षा का उल्लंघन करके आपके सिस्टम तक पहुँच सकते है और आपके पर्सनल डाटा का गलत इस्तेमाल कर सकते है इसी खतरे को रोकने के लिए Cyber Security यानि साइबर सुरक्षा का उपयोग किया जाता है
5. डाटा साइंटिस्ट
डाटा साइंस क्या है?
सरल शब्दों में डाटा साइंस, डाटा की एक पढ़ाई होती है, जिसमें एल्गोरिथ्म, मशीन लर्निंग के प्रिंसिपल्स और विभिन्न अन्य टूल्स शामिल होते हैं। इसमें महत्वपूर्ण और उपयोगी जानकारी प्राप्त करने के लिए डेटा रिकॉर्ड, संग्रह और एनालिसिस करने के लिए उपयोग किया जाता है। डाटा साइंटिस्ट लॉग फाइल्स, सोशल मीडिया, सेंसर, ग्राहक लेनदेन जैसे सोर्सेज की एक विस्तृत श्रृंखला से डेटा को निकालते हैं और उसकी जांच करते हैं।
डेटा साइंटिस्ट कौन होते हैं?
डाटा का विश्लेषण करने वाले को डेटा साइंटिस्ट कहा जाता है, जिसमें डेटा के प्रभाव का विशलेषण और गणना की जाती है इसके लिए प्रोफेशनल एक्सपर्ट की आवश्यकता होती हैI जिसमें सॉफ्टवेयर इंजीनियर को लाइनर ऐलजेब्रा यंत्र शिक्षण प्रोग्राम इन स्टेटस और डाटा विजुलाइजेशन जैसे कौशल की जरूरत होती है I
6. प्रोडक्ट मैनेजर
प्रोडक्ट मैनेजर एक कंपनी में काम करने वाला वह व्यक्ति है जो कंपनी की ब्रांडिंग और प्रोडक्शन से संबंधित कार्य करता है। इसके तहत प्रोडक्ट प्लैनिंग, मैन्युफैक्चरिंग, डिजाइनिंग, क्रिएशन, रिसर्च, पैकेजिंग, लेबलिंग, प्राइसिंग और मार्केटिंग जैसी प्रक्रियाएं शामिल हैं। प्रोडक्ट मैनेजर एक महत्वपूर्ण संगठनात्मक भूमिका है। प्रोडक्ट मैनेजर आमतौर पर उन कंपनियों में पाए जाते हैं जो ग्राहक या आंतरिक उपयोग के लिए प्रोडक्ट या रिसर्च का निर्माण करतें हैं।
प्रोडक्ट मैनेजमेंट काफी डिमांडिंग कैरियर ऑप्शन है। इस फील्ड में 12 वीं या ग्रेजुएशन के बाद कैरियर बनाया जा सकता है। इसमें आप एमबीए से लेकर डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा जैसे कोर्स कर प्रोजेक्ट मैनेजर बनने का सपना पूरा कर सकते हैं। एमबीए की अवधि 2 बर्ष और डिप्लोमा तथा पीजी डिप्लोमा 1 से 2 साल तक के होते हैं।
एक प्रोडक्ट मैनेजर सिर्फ प्रोडक्ट को मैनेज ही नहीं करते वे मार्केट की जरूरत को समझते हुए एक अच्छे प्रोडक्ट और एक एवरेज प्रोडक्ट में अंतर करते हैं। वे पैसे से सही प्रोडक्ट बनाना जानते हैं।
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