Mother-daughter Died due to Fire in Kanpur
कानपुर देहात के मैथा तहसील की मड़ौली ग्राम पंचायत के चालहा गांव में सोमवार को मां प्रमिला और बेटी शिवा उर्फ नेहा के जिंदा जलने के बाद हुआ हंगामा देर रात जब शांत हुआ तो एक तरफ चीत्कार और सिसकियां सुनाईं दे रहीं थीं तो दूसरी ओर से अफसरों के वाहनों के हूटर बज रहे थे। मंगलवार दोपहर लगभग साढ़े तीन बजे जब फोरेंसिक टीम ने शवों को उठाया तो पूरा गांव रो पड़ा।
कानपुर के चालहा गांव में आग लगने से मां-बेटी की मौत- Mother-daughter Died due to Fire in Kanpur
कानपुर देहात के मैथा तहसील की मड़ौली ग्राम पंचायत के चालहा गांव में आग से मां प्रमिला और बेटी शिवा उर्फ नेहा की मौत की खबर ने सबको झकझोर दिया। घटना के बाद गांव में शाम से शुरू हुई अफसरों की आवाजाही पूरी रात चली। इस दौरान मां बेटी के जले शव फूस वाले घर में ही पड़े रहे।
मौके पर मौजूद परिजनों के बिलखने की आवाज व गांव पहुंच रहे अधिकारियों की गाड़ियों के हूटरों का शोर सन्नाटा तोड़ता रहा। पत्नी व बेटी को खोने का गम कृष्ण गोपाल को खाए जा रहा था। कभी वह जमीन में एक टक ताकते रहते तो कभी आसमान को देखने लगते। परिवार के अन्य सदस्यों के सुबकने पर छोटे बच्चे उनसे चिपट के रोते रहे।
घटना स्थल के चारों तरफ से पुलिसकर्मी तैनात थे। जानकारी पर देर रात से मृतकों के रिश्तेदारों के गांव आने का सिलसिला भी शुरू हो गया। हर कोई प्रमिला के बेटे शिवम और अंकित से लिपट कर रोता रहा। इस दौरान सगे संबंधी बेटों व अन्य परिजनों को ढांढस बंधाते रहे।
रात के सन्नाटे को तोड़ती चीखों के बीच किसी तरह से सुबह हुई, लेकिन हालात वही रहे। घटना के बाद से गांव के कई घरों में चूल्हे तक नहीं जले। मंगलवार सुबह तक दोनों बेटे कई बार गश खाकर गिरे और दोपहर में शिवम के सीने में तेज दर्द हुआ तो रिश्तेदार दवा लेकर आएं।
गांव के बाहर हर कदम पर तैनात रही पुलिस
घटना के बाद तनाव बढ़ता देख एडीजी ने पुलिसकर्मियों को अकबरपुर रूरा रोड से लेकर सात किमी दूर मड़ौली गांव तक लगा दिया। रास्तों पर बैरिकेडिंग लगाई गई। गांव की तरफ जाने वाले हर व्यक्ति से पुलिस पूछताछ करती रही। इससे ग्रामीणों को परेशानियों का सामना भी करना पड़ा।
चादर तक से नहीं ढके गए शव
घटना के बाद से मां बेटी के शव खुले में उसी स्थिति में पड़े रहे। इस दौरान किसी ने उन पर चादर तक नहीं डाला। इससे लोगों में नाराजगी रही। ग्रामीणों का कहना था कि मौके पर मौजूद प्रशासन ने जरा भी संवेदना नहीं दिखाई। किसी ने शवों को ढकने पर ध्यान नहीं दिया। मंगलवार की दोपहर बाद जब डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने आश्वासन दिया तो फोरेंसिक टीम ने शव और अन्य हिस्सों को प्लास्टिक के कवर के अंदर रखकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
पहली बार गांव में पहुंचा भारी पुलिस बल
गांव के लोगों का कहना है कि गांव में पहली बार इतने बड़े अधिकारी व इतना ज्यादा पुलिस बल आया। घटना के बाद से गांव में औरैया, कानपुर नगर और कन्नौज सहित अन्य जिलों का पुलिस बल और पीएसी तैनात रही।
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