Atal Bihari Vajpayee: अटल बिहारी वाजपेयी: एक नेता, एक व्यक्ति, एक किस्सा. आज (25 दिसंबर) पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है. पूरा देश उन्हें याद कर रहा है. आज हम सुनाएंगे वाकपटुता में माहिर अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा.

Atal Bihari Vajpayee: अटल बिहारी वाजपेयी, भारतीय राजनीति के इतिहास में एक अद्वितीय व्यक्ति हैं जिनकी कहानी लोगों के दिलों में बसी हुई है। उनकी आदर्श पति बनाने की कहानी, उनके बयानों में छिपी रोमांटिक लव स्टोरी, और उनकी अद्भुत विचारशीलता ने उन्हें एक अद्वितीय स्थान पर ले आए हैं।

Atal Bihari Vajpayee
Atal Bihari Vajpayee

एक बार जब उनसे शादी को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने बड़े ही हंसी में कहा, “मैं अविवाहित हूं… लेकिन कुंवारा नहीं.” यह उनके खुमारी हंसने का एक प्रमुख क्षण बन गया।

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वाजपेयी का आदर्श पति बनने की तलाश, उनकी कविताओं में छिपे रहस्यमय इश्क, और उनकी विदेश यात्राओं में चुनौतीदार सवालों के जवाब ने उन्हें एक अज्ञेय आकाश में चमकते सितारे की तरह बना दिया है।

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वाजपेयी की ज़िन्दगी के इस रोचक पहलू को जानकर हर कोई हैरान होता है कि उन्होंने किसी समय बातचीत में कहा था, “आदर्श पत्नी की खोज में.” जब पूछा गया कि क्या वह मिली, तो हंसते हुए उन्होंने उत्तर दिया, “मिली तो थी लेकिन उसे भी आदर्श पति की तलाश थी.”

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(Atal Bihari Vajpayee:) वाजपेयी का जीवन एक रोमांटिक कविता की तरह है, जिसमें उनके संवाद, मुलाकातें और उनके विचारों का खूबसूरत सा सफर छुपा हुआ है। जिन्हें लोग सिर्फ एक राजनीतिक नेता के रूप में नहीं, बल्कि एक आदर्श पति, एक कवि, और एक महान व्यक्ति के रूप में भी याद करते हैं।

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Atal Bihari Vajpayee: अटल बिहारी वाजपेयी के प्रेरणादायक विचार

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 99वीं जयंती के मौके पर देश ने सुशासन दिवस मनाया। वाजपेयी जी ने राजनीति, कविता, और पत्रकारिता में अपने अद्वितीय योगदान से देशवासियों के दिलों में राज किया। उनके कुछ प्रेरणादायक विचार हैं जो आज भी हमें सीख देते हैं।

Atal Bihari Vajpayee
  • राष्ट्र प्रेम का सच: “राष्ट्र प्रेम ही सबसे बड़ी पूजा है।” यह उनका विचार है जो हमें बताता है कि अपने देश के प्रति प्रेम में ही वास्तविक समर्थन है।
  • साहित्यिक दृष्टिकोण: “कवि उस व्यक्ति का चित्रण करता है जो अपने बीते कल को बीती बातों की तरह नहीं भूलता।” यह वाक्य हमें यह सिखाता है कि साहित्य से हम अपने अनुभवों को सजीव रूप से साझा कर सकते हैं।
  • एकता की महत्वपूर्ण बातें: “जन जन के साथ मैं हूं, उनकी बातों में हूं, उनकी चिंगारी में हूं।” यह उनका संदेश है कि हमें समृद्धि के लिए मिलजुलकर काम करना चाहिए।
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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 99वीं जयंती है। आइए पूर्व प्रधानमंत्री की उन प्रेरक बातों को याद करें जो हमेशा अमर रहेंगे।

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  • “मैं 40 साल से इस सदन का सदस्य हूं, सदस्यों ने मेरा व्यवहार देखा, मेरा आचरण देखा, लेकिन पार्टी तोड़कर सत्ता के लिए नया गठबंधन करके अगर सत्ता हाथ में आती है तो मैं ऐसी सत्ता को चिमटे से भी छूना पसंद नहीं करूंगा।”
  • “मैं अपनी सीमाओं से परिचित हूं। मुझे अपनी कमियों का अहसास है। निर्णायकों ने अवश्य ही मेरी न्यूनताओं को नजरअंदाज करके मुझे निर्वाचित किया है। सद्भाव में अभाव दिखाई नहीं देता है। यह देश बड़ा है अद्भुत है, बड़ा अनूठा है। किसी भी पत्थर को सिंदूर लगाकर अभिवादन किया जा सकता है।”
  • “आतंकवाद एक नासूर बन गया है। यह मानवता का दुश्मन है।”
  • “मेरा कवि हृदय मुझे राजनीतिक समस्याओं का सामना करने की शक्ति देता है, विशेषकर उन समस्याओं का जिनका मेरी अंतरात्मा पर प्रभाव पड़ता है।”
  • “व्यक्ति को सशक्त बनाने का अर्थ है राष्ट्र को सशक्त बनाना। और सशक्तिकरण का सबसे अच्छा काम तीव्र सामाजिक परिवर्तन के साथ तीव्र आर्थिक विकास है।”
  • हमारा लक्ष्य अनंत आकाश जितना ऊंचा हो सकता है, लेकिन हमारे मन में एक-दूसरे का हाथ थाम कर आगे बढ़ने का संकल्प होना चाहिए, क्योंकि जीत हमारी होगी।”
  • जीत और हार जीवन का हिस्सा है, जिसे समभाव से देखना चाहिए।”
  • “हिंसा किसी भी चीज में योगदान नहीं देती है।”
  • “निरक्षरता और निर्धनता का बड़ा गहरा संबंध है।”
  • जो राजनीति में रुचि लेता है, वह साहित्य के लिए समय नहीं निकाल पाता और साहित्यकार राजनीति के लिए समय नहीं दे पाता, लेकिन कुछ ऐसे लोग हैं, जो दोनों के लिए समय देते हैं। वे अभिनंदनीय हैं।”
  • “मेरे पास न तो दादा की दौलत है और न ही पिता की संपत्ति, मेरे पास सिर्फ मेरी मां का आशीर्वाद है, जो इन सबसे बहुत बड़ा है।”
  • आप मित्र बदल सकते हैं मगर पड़ोसी नहीं।”
  • “कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक फैला हुआ यह भारत एक राष्ट्र है, अनेक राष्ट्रीयताओं का समूह नहीं।”
  • “सूर्य एक सत्य है, जिसे झुठलाया नहीं जा सकता। लेकिन ओस की बूंद भी तो एक सच्चाई है। यह बात अलग है कि यह क्षणिक है।”
  • “इंसान बनो, केवल नाम से नहीं, रूप से नहीं, शक्ल से नहीं बल्कि हृदय से, बुद्धि से, ज्ञान से बनो।”
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