प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन – Congress Accuses PM Modi का प्रस्ताव लाया गया है। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को यह प्रस्ताव आगे बढ़ाया। और पीएम मोदी पर कांग्रेस ने आरोप भी लगाए हैं जिसके बारे में पूरी जानकारी पोस्ट में दी गई है।
Congress Accuses PM Modi
कांग्रेस ने राज्यसभा के सभापति को जो चिट्ठी लिखी है, उसमें राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के बयान का जिक्र किया गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया।
PM मोदी पर विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव जारी – Privilege Motion Issued on PM Modi
क्या है कांग्रेस का आरोप? (What is the Allegation of Congress?)
कांग्रेस ने राज्यसभा के सभापति को जो चिट्ठी लिखी है, उसमें राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के बयान का जिक्र किया गया है। कांग्रेस ने उनके इस बयान के आधार पर ही विशेषाधिकार हनन का नोटिस भेजा है और आरोप लगाया है कि प्रथम दृष्टया में ही पीएम की यह बातें न सिर्फ अपमानजक थी, बल्कि नेहरु परिवार के सदस्यों खासकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी, जो कि लोकसभा सदस्य भी हैं, उनके प्रति असम्मानजनक और मानहानि वाली थीं।
क्या बोले थे पीएम मोदी, जिस पर लाया गया प्रस्ताव?
कांग्रेस ने अपनी चिट्ठी में पीएम मोदी के उस बयान का भी जिक्र किया है। पीएम ने कहा था, “मुझे बहुत आश्चर्य होता है कि चलो बाई, नेहरू जी का नाम हमसे कभी छूट जाता होगा और यदि छूट जाता है, तो हम उसे ठीक भी कर लेंगे, क्योंकिा वे देश के पहले प्रधानमंत्री थे, लेकिन मुझे यह समझ नहीं आता कि उनकी पीढ़ी का कोई भी व्यक्ति नेहरु जी का सरनेम रखने से क्यों डरता है? क्या शर्मिंदगी है? नेहरु सरने रखने में क्या शर्मिंदगी है? इतना बड़ा महान व्यक्ति आपको मंजूर नहीं है, परिवार मंजूर नहीं है।”
कांग्रेस नेता ने क्या तर्क दिया? (What Argument did the Congress leader give?)
कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने इस चिट्ठी में कहा, “प्रधानमंत्री का यह कहना कि गांधी परिवार के सदस्यों ने नेहरु सरनेम क्यों नहीं लिया, अपने आप में काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रधानमंत्री जानते हैं कि बेटी शादी के बाद अपने पिता का सरनेम नहीं रख सकती। यह जानने के बावजूद उन्होंने जानबूझकर इस बात का मजाक बनाया। इसके अलावा इस मामले को और वृहद तरीके से बताए जाने की जरूरत नहीं है। इतना ही नहीं, पीएम के बात करने का लहजा और आशय अपमानजनक था। यह प्रधानमंत्री की ओर से सोनिया गांधी और राहुल गांधी की छवि गढ़ने जैसा था, जो कि दोनों के विशेषाधिकार का हनन है और इस सदन की भी अवमानना है।”
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