बिजली कर्मचारियों की मांगों को लेकर हड़ताल – Electricity Workers Strike in UP पर गए 650 आउटसोर्सिंग व संविदाकर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। इसके अलावा छह अन्य एजेंसियों के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
Electricity Workers Strike in UP
उत्तर प्रदेश में कर्मचारियों की हड़ताल से बिजली आपूर्ति चरमरा गई है। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी व मेरठ समेत कई शहरों में हड़ताल के पहले दिन ही जबरदस्त संकट पैदा हो गया। गोरखपुर और कानपुर में फैक्टरियों में औद्योगिक उत्पादन ठप हो गया। राजधानी लखनऊ का करीब एक-चौथाई हिस्सा बिजली संकट की चपेट में रहा। इस मामले में हाईकोर्ट भी सख्त हो गया है। उसने कर्मचारी नेताओं को तलब किया है। वहीं हड़ताल को लेकर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है।विद्युत आपूर्ति को बहाल करने में सहयोग नहीं करने वाले कई कर्मियों को बर्खास्त किया गया। साथ ही एजेंसियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई।
UP में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल – Electricity Workers Strike in UP
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे का दावा है कि हड़ताल के चलते उत्पादन निगम की 1030 मेगावाट क्षमता की 5 इकाइयां ठप हो गई हैं। प्रदेश में कुल 1850 मेगावाट उत्पादन प्रभावित हुआ है। समिति ने बिजलीकर्मियों पर तोड़फोड़ के आरोपों का कड़ा प्रतिवाद करते हुए कहा कि बिजली कर्मी विद्युत संयंत्रों को अपनी मां की तरह मानते हैं और शांतिपूर्ण ढंग से हड़ताल कर रहे हैं। समिति पदाधिकारियों का कहना है कि पारेषण की कई लाईनें बंद हैं और बड़े पैमाने पर 33/11 केवी उपकेंद्रों से आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
इसके अलावा एजेंसियों को नोटिस भी जारी की गई है। कॉरपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज ने बताया कि गाजीपुर में बिजली आपूर्ति के लिए काम कर रही फर्म भारत इंटरप्राइजेज को अपने कर्मचारियों को उपस्थित न करा पाने के कारण फर्म के महाप्रबंधक एवं सुपरवाइजर राहुल सिंह के विरुद्ध कोतवाली गाजीपुर में एफआईआर दर्ज करा दी गई है।
इसके अलावा छह अन्य एजेंसियों के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। देवराज ने कहा कि भविष्य में इन एजेंसियों को निगम में कार्य करने के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। सभी जिलों में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि काम न करने वालों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कराई जाए।
योगी बोले – अराजकता फैलाने वाले बिजलीकर्मी होंगे सूचीबद्घ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अराजकता फैलाने वाले बिजली कर्मी सूचीबद्घ किए जाएंगे। बिजली फीडर बंद करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। सरकार प्रतिवर्ष 20 हजार करोड़ रुपये पावर कॉर्पोरेशन को उसका घाटा पूरा करने के लिए देती है।
ऊर्जा मंत्री ने चेताया, लाइन में फॉल्ट किया तो आकाश-पाताल से खोज निकालेंगे
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने हड़ताली कर्मचारियों को चेताया है कि लाइन में फॉल्ट करने वालों को आकाश-पाताल से खोज निकालकर कार्रवाई करेंगे। उन्होंने आपूर्ति को पूरे नियंत्रण में बताते हुए दावा किया है कि प्रदेश में चार हजार मेगावाट सरप्लस बिजली है।
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