History of Jama Masjid:
आज हम इस आर्टिकल में एक नए जगह के बारे मे बताने जा रहे है जो है दिल्ली में स्थित जामा मस्जिद।अक्सर बहुत से लोगो ने इसके बारे में सुना ही होगा और घूमने भी गए होंगे। पर क्या आप इसके इतिहास (History of Jama Masjid ), निर्माण, वास्तुकला, विशेषता के बारे में जानते है की जामा मस्जिद कब बनवाया गया था। इन सभी की जानकारी हम इस आर्टिकल में आज बताते है तो बने रहिये और इसे अंत तक पढ़े।
जामा मस्जिद का निर्माण – Construction of Jama Masjid
जामा मस्जिद पुरानी दिल्ली में स्थित है। लाल किले से महज 500 मी की दूरी पर जामा मस्जिद स्थित है जो भारत की सबसे बड़ी मस्जिद है। इस मस्जिद का निर्माण 1650 में शाहजहां ने शुरु करवाया था। जामा मस्जिद का निर्माण सन् 1656 में सम्राट शाहजहां ने किया था। इसे बनने में 6 वर्ष का समय लगा था। यह मस्जिद लाल और संगमरमर के पत्थरों का बना हुआ है।
इसका प्रार्थना गृह बहुत ही सुंदर है। इसमें ग्यारह मेहराब हैं जिसमें बीच वाला महराब अन्य से कुछ बड़ा है। इसके ऊपर बने गुंबदों को सफेद और काले संगमरमर से सजाया गया है जो निजामुद्दीन दरगाह की याद दिलाते हैं।
जामा मस्जिद की वास्तुकला – Architecture of Jama Masjid
जामा मस्जिद में दो मीनारें, प्रवेश द्वार पर बनी है जो 1819 में ध्वस्त हो गई थी। मस्जिद के प्रार्थना हॉल में 15 गुंबद के सपोर्ट में 260 कॉलम स्तंभ खड़े हुए है। इस मस्जिद की दीवारों में नक़्क़ाशीदार जैन और हिंदू रूपांकनों की भरमार है। यहां का केंद्रीय गुंबद, कमल के फूल के आकार का दिखता है जो हर जैन मंदिर में पाया जाता है और यहां कुछ खंभे भी बने हुए है जो अक्सर हिंदू मंदिरों में बने होते है। यहां की खिड़कियों में ओम भी गुदा हुआ है।
सभी धर्मो से कई लोगों को इस मस्जिद में आने की अनुमति है लेकिन प्रार्थना के दौरान उनसे शांति बनाएं रखने की अपील की जाती है। मस्जिद में सर को ढ़कने के बाद नमाज़ अदा की जाती है और महिलाओं को मुख्य हॉल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। मस्जिद के पश्चिमी ओर अहमद शाह, उनके पुत्र और उनके पोते की कब्र बनी हुई है और उसके पास में ही उनकी पत्नी और अन्य रानियों की कब्रगाह बनी है।
जामा मस्जिद का इतिहास – History of Jama Masjid
मुगल शासक शाहजहाँ ने 1656 के बीच जामा मस्जिद का निर्माण करवाया था। इस मस्जिद को तक़रीबन 5000 कामगारों ने बनाया था। असल में इसे मस्जिद-ए-जहाँ-नुमा कहा जाता था। शाह के शासन में वजीर रह चुके सादुल्लाह खान के नेतृत्व में इसका निर्माण किया गया था। शाहजहाँ ने आगरा में ताजमहल और नयी दिल्ली में लाल किले का निर्माण भी करवाया था, ये बिल्कुल जामा मस्जिद के विपरीत दिशा में ही है।
जामा मस्जिद की विशेषता – Specialty of Jama Masjid
जामा मस्जिद का निर्माणकार्य 1656 में पूरा हुआ था। इस मस्जिद का उद्घाटन 23 जुलाई 1656 को उज़बेकिस्तान के बुखारा के मुल्ला इमाम बुखारी ने किया था, ये सब उन्होंने शाहजहाँ के निमंत्रण भेजने पर ही किया था। एक समय में एक साथ 25000 लोग जामा मस्जिद में प्रार्थना कर सकते है और इसीलिये इसे भारत की सबसे विशाल मस्जिद भी कहा जाता है। इस मस्जिद को “जामा” कहा जाता है जिसका अर्थ शुक्रवार होता है।
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