नमस्कार दोस्तो। को पानी पुरी पसंद है लेकिन क्या है पानी पूरी का इतिहास आप जानते है। आज के इस पोस्ट में हम आपके लिए यही लेकर आये है। तोह बने रहिये हमारे साथ इस आर्टिकल में अंत तक।
क्या है पानी पूरी का इतिहास
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ दिन पहले गुजरात के वडोदरा में पानी पूरी पर कुछ समय के लिए बैन लगा दिया गया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि 4,000 किलो पानी पूरी और स्टफिंग आलू को फेंक दिया गया. दरअसल पानी पुरी के साथ स्वच्छता का एक बड़ा मुद्दा जुड़ा हुआ है। पानी पुरी को पुचका, पानी बताशे, गोल गप्पे आदि जैसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। स्वच्छता के मुद्दों के बावजूद पानी पुरी खाने का असली मजा सड़क के किनारे ही है।
History of Panipuri
जब तक हम पानी पूरी सड़क के किनारे लगी ठेले वाले के वहां से नहीं खा लेते है तब तक दिल को संतुष्टि ही नहीं मिलती है। कोरोना के कारन जब लोखड़ौन लग रखा था। और सभी लोग अपने अपने घर के अंदर बंद थे तब सभी ने सबसे ज़्यदा पानी पूरी को ही मिस किया होगा। मेने खुद अपनी प्रिये पानी पूरी को मिस किया बहुत ज़्यदा। कई लोगो ने घर पर ही पानी पूरी बनाने की कोशिश किये थे और कई लोगो के बिलकुल बहार की तरह बने भी होंगे। पर बहार जो खाने में में मज़ा है वो घर में कहा ……
केसी होती है पानी पूरी
एक मोटी सी गोल गोल फूली हुई पूरी होती है और उबले हुए आलू और चने होते है जिसमे नमक मिर्च और लहसुन वगेरे दाल कर के स्टफिंग तैयार की जाती है उसके बाद आलू के स्टफिंग को पूरी के अंदर डाला जाता है है और धनिया पुदीने वाले तीखे चटपटे पानी के साथ खाया जाता है। अगर आपको कच्चा प्याज़ पसंद है तोह आप ऊपर से वो भी दाल कर खा सकते है।
वैसे क्या आपको पता है पानी पूरी का इतिहास क्या है ?
अगर नहीं तो चलिए आज हम जानते हैं।
दोस्तों आपको जानकर हैरानी होगी की पानी पूरी का सीधा कनेक्शन महाभारत और मगध एम्पायर से है।
तो चलिए हम आपको पूरी स्टोरी डिटेल में बताते हैं।
क्या पानी पुरी महाभारत काल की है?
जब इतिहास की बात आती है, तो दो अलग-अलग चीजें होती हैं एक फैक्ट है और दूसरा मिथ है। इसी तरह महाभारत की कहानी से भी कई तरह के फैक्ट और मिथ जुड़े हुए हैं। इनमें से पानी पुरी में एक लोककथा भी जोड़ी गई है, हालांकि हमें नहीं पता कि कहानी एक सही फैक्ट है या सिर्फ एक मिथ है। हम इस कहानी की प्रामाणिकता पर टिप्पणी नहीं कर सकते, लेकिन कहानी दिलचस्प है।
ऐसा कहा जाता है कि जब द्रौपदी का विवाह पांच पांडवों से हुआ था, तो कुंती ने उनके घरेलू कौशल को जानने के लिए उनकी एक छोटी सी परीक्षा लेने की सोची। एक दिन कुंती ने द्रौपदी को ढेर सारी सब्जियां और थोड़ा सा आटा दिया और कहा कि वह उन सब्जियों और आटे से पांचों पांडवों के लिए कुछ पकाए। द्रौपदी ने आटे की सहायता से गोल रोटियां (पूरी) बनाकर उनमें सब्जी भर दी। सभी पांडवों ने इसे खाया और सच में उन्हें पसंद से खाये और मां कुंती यह देखकर खुश हुईं कि उन्होंने इतने कम आटे में सभी के लिए खाना कैसे बनाया। तो ये था पानी पुरी का पहला मॉडल।
वैसे इसके अलावा लोग पानी पुरी को मगध साम्राज्य से भी जोड़ते हैं और इन कहानियों के बावजूद फूड स्पेशलिस्ट पुष्पेश पंत बताते हैं कि पानी पूरी कोई बहुत पुरानी डिश नहीं है। उनके अनुसार पानी पुरी की उत्पत्ति एक शताब्दी पहले उत्तर प्रदेश और बिहार में कहीं पाई गयी है ।
पानी पुरी का इतिहास सबसे प्यारा भारतीय स्नैक में से एक है।
हो सकता है कि पानी पुरी का इतिहास इतना पुराना न हो या हो सकता है, लेकिन एक बात से कोई इनकार नहीं कर सकता है कि यह शायद भारत में सबसे ज्यादा जानी जाने वाली डिश है। हरियाणा में इसे पानी के बताशे, एमपी में फुलकी, यूपी में गोल गप्पे, पश्चिम बंगाल में फुचका, उड़ीसा में गुपचुप, महाराष्ट्र में पानी पुरी आदि कहा जाता है। फोरेइग्नेर्स इसे potato in the hole कहते है पानी पुरी सिर्फ नाम की बात नहीं है बल्कि अलग-अलग क्षेत्रों में पानी पुरी का स्वाद भी अलग-अलग होता है।
पानी पुरी एक ऐसी डिश है जिसमें एक्सपेरिमेंट की काफी गुंजाइश है। मसालेदार पानी की जगह स्कॉच या वाइन वाली पानी पुरी भी एक ऐसा रूप है जो आपको मेट्रो शहरों के बार में मिल सकता है। विदेशियों को लुभाने के लिए, पानी पुरी टकीला शॉट नामक एक टाइप भी है। पानी पुरी का इतिहास – अब हमें यकीन नहीं है कि इसका प्राचीन इतिहास से कोई संबंध है या नहीं लेकिन एक बात हमें यकीन है कि पानी पुरी उनमें से एक है देश भर में सबसे पसंदीदा खाना है ।
READ MORE:
सोयाबीन तेल के फायदे – Use and Benefits For Soybean Oil