Impact of Cyclone Biperjoy:
गुजरात के तट से टकराने के बाद चक्रवात बिपरजॉय बेहद खतरनाक हो गया। ये तूफान तेज़ी के साथ सौराष्ट्र-कच्छ के इलाकों की तरफ बढ़ रहा है। कच्छ के मांडवी इलाके में तूफानी हवाएं चल रही हैं। चक्रवात के चलते हवाएं 125 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हैं। तूफानी हवाओं के चलते सौराष्ट्र और कच्छ के इलाकों में पेड़ और खंभे गिरने लगे। जानते हैं इसका और क्या क्या असर हुआ ?
चक्रवात बिपरजॉय का असर
IMD के मुताबिक तूफान का लैंडफॉल हो चुका है। चक्रवात से होने वाले खतरे को देखते हुए 94 हजार से ज्यादा लोगों को तटीय इलाकों से रेस्क्यू किया गया।15 जहाज, 7 एयरक्राफ्ट, NDRF की टीमें तैनात की गईं। लोगों को घरों से बाहर ना निकलने की सलाह दी गई। कहीं पेड़ गिर रहे हैं तो कहीं बिजली के खंभे गिरे।
गुजरात में एक तरफ लैंडफॉल के दौरान होने वाले नुकसान के अंदेशे ने प्रशासन और लोगों की चिंता बढ़ाई दी। वहीं, दूसरी ओर बिपरजॉय के ‘ऑफ्टर इफेक्ट’ को लेकर भी टेंशन है। कच्छ में भीषण बारिश की संभावना मौसम विभाग ने जताई है। मौसम विभाग के मुताबिक सौराष्ट्र और कच्छ में शुक्रवार को भारी बारिश जारी रहेगी। वहीं अगर बारिश होती है तो प्रशासन और लोगों की मुसीबतें और बढ़ जाएंगी। तूफान के चलते हुई अव्यवस्थाओं को ठीक करने में और अधिक समय लगेगा। साथ ही बारिश के दौरान भी कोई जनहानि न हो, इसे लेकर भी प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती है। मौसम विभाग के अलर्ट से स्पष्ट है कि भले ही बिपरजॉय गुजरात से होकर गुजर जाएगा, लेकिन इसका आफ्टर इफेक्ट भी राज्य को खासा प्रभावित करेगा।
भारत के इन राज्यों में भी होगा इसका असर –
मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि लैंडफॉल बनाने के बाद चक्रवात की गति कम हो रही है। उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने से पहले दक्षिण-दक्षिण पश्चिम राजस्थान में इसका असर होगा। चक्रवात की वजह से अगले चार दिन तक राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, नई दिल्ली और उत्तर प्रदेश में भी भारी बारिश होगी। चक्रवात बिपरजॉय से दिल्ली-एनसीआर में ज्यादा असर की उम्मीद नहीं है। हालांकि आसपास के इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश संभव है। IMD का कहना है कि तूफान के चलते दिल्ली में अगले 4 दिन तक भारी बारिश हो सकती है।
अरब सागर से उठा बिपरजॉय –
6 जून की तड़के अरब सागर में बिपरजॉय उठा, जो लंबे समय तक चलता रहा। एक रिपोर्ट के मुताबिक अरब सागर बिपरजॉय अब तक सबसे लंबे वक्त तक चलने वाला तूफान है। इस दौरान कई बार तूफान के पैटर्न में अजीबोगरीब बदलाव देखने को मिले। 6 और 7 जून को तूफान की रफ्तार 55 km प्रति घंटे से 139 KM प्रति घंटे पहुंच गई तो 9 और 10 जून को तूफानी हवाओं की स्पीड 120 KM प्रतिघंटे से 196 किलोमीटर तक रही।
एक रिसर्च के मुताबिक अरब सागर में चक्रवाती तूफान अब पहले की तुलना में ज्यादा तूफान आ रहे हैं। ऐसा ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह हुआ है। जून के शुरुआती दिनों में ही अरब सागर की सतह का तापमान 31 से 32 डिग्री सैल्सियस के बीच पहुंच गया, जो अपने औसत तापमान से ऊपर था। वैज्ञानिकों के मुताबिक अरब सागर का पानी गर्म हो रहा है और इसी गर्म पानी की वजह से चक्रवाती तूफान बनते हैं और फिर लंबे वक्त तक टिक जाते हैं। ऐसा ही बिपरजॉय के साथ हुआ।
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