महिलाओं के कान छिदवाने के कारण और क्या हे उसके फायदे-Significance of Wearing Nose/ Ear Rings In Indian Culture

Significance of Wearing Nose/ Ear Rings In Indian Culture

 

आज कल के समय में कान तो हर कोई छिदवाता है। कोई फैशन के तौर पर तो कोई संस्कार के नाम पर। लेकिन हम आपको बता दें कि कान छिदवाने के ज्योतिषीय और वैज्ञानिक दोनों फायदे होते हैं। तो क्या हैं वो फायदे और कैसे आपके जीवन को बनाते हैं शानदार।

Significance of Wearing Nose/ Ear Rings In Indian Culture

ज्योतिष के अनुसार कान छिदवाने से राहु और केतु के दुष्प्रभाव खत्म हो जाते हैं। और धर्म के अनुसार इससे संतान स्वस्थ, निरोगी रोग और व्याधि मुक्त रहती है। आपको बता दें कि हिंदू धर्म के अनुसार कर्णभेद 16 संस्कारों में से 9वां संस्कार होता है। भगवान श्री राम और कृष्ण का भी वैदिक रीति से कर्णभेद संस्कार हुआ था। माना जाता है कि इससे बुरी शक्तियों का प्रभाव दूर होता है और व्यक्ति दीर्घायु होता है।

लेकिन फिर भी कई लोग ऐसे हैं जो शौकिया तौर पर एक ही कान छिदवाते हैं। हालांकि नियम दोनों ही कान छिदवाने का है। कान छिदवाने से राहु और केतु के बुरे प्रभाव का असर खत्म होता है। जीवन में आने वाले आकस्मिक संकटों का कारण राहु और केतु ही होते हैं इसलिए कान छिदवाना जरूरी है। तो चलिए अब कान छिदवाने के वैज्ञानिक फायदे आपको बताते हैं। कान छिदवाने से मस्तिष्क में रक्त का संचार सही प्रकार से होता है। इससे बौद्धिक योग्यता बढ़ती है। मान्यता के अनुसार कान छिदवाने से व्यक्ति के रूप में निखार आता है। इससे आंखों की रोशनी तेज होती है। दरअसल, कान के निचले हिस्से में एक प्वॉइंट होता है। इस प्वॉइंट के पास से आंखों की नसे गुजरती हैं।

जब कान के इस प्वॉइंट को छिदवाते हैं तो इससे आंखों की रोशनी तेज होने में मदद मिलती है। इसके अलावा कान छिदवाने से तनाव भी कम होता है। क्योंकि कान के निचले हिस्से पर दबाव पड़ने से तनाव कम होता है। साथ ही दिमाग की अन्य परेशानियों से भी बचाव होता है। तो वहीं एक बहुत ही गंभीर बीमारी से भी बचाव हो सकता है। वो है लकवे की बीमारी यानि पैरालिसिस। अगर आप गौर करेंगे तो पाएंगे कि जिस व्यक्ति ने दोनों कान छिदवा रखें होंगे उसको लकवा जैसी बीमारी के चांसेस कम हैं। तो वहीं कान छिदवाने से बुरी शक्तियों का प्रभाव भी कम होता है।और दिमाग तेज़ी से दौड़ता है।

कान छिदवाने से पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है। कान के जिस हिस्से को छेदा जाता है वहां एक प्वॉइंट होता है। ये प्वॉइंट भूख लगने को प्रेरित करता है। इसलिए इस प्वॉइंट को छेदने पर पाचन क्रिया सही बनी रहती है। साथ ही मोटापा भी कम होता है। जहां पर कानों को छेदा जाता है, वहां पर एक प्वारइंट होता है जो साफ सुनने में मदद करता है

Maheshkumar

Hii ! Mai hu Maheshkumar aapka dost or iss site ka host. Toh Aayiye apne sab miljul kar 'Hindi' me gupsup karte or apne desh ki Bhasha ko pure world me faila dete hai. Aap Mujhse kuchh sawal kijiye or badle me hum kuchh jabab denge or ye Gupsup yun hi chalati rahegi...

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