Supreme Court -सुप्रीम कोर्ट से बिहार सरकार को बड़ी राहत, जातीय जनगणना के खिलाफ सभी याचिकाएं खारिज – Big relief to Bihar government from Supreme Court, all petitions against caste census dismissed

Big relief to Bihar government from Supreme Court, all petitions against caste census dismissed

बिहार में कास्ट सेंसस के खिलाफ अधिवक्ता बरुण कुमार सिन्हा की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। सर्वोच्च अदालत इस पर 20 जनवरी को सुनवाई करेगा। हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना के फैसले की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि ये कदम लोगों की तरक्की और उनके आर्थिक विकास के लिए जरूरी है। जब सब जाति-धर्म के लोगों की स्थिति अच्छी होगी तभी राज्य आगे बढ़ेगा।

उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) बिहार में जाति आधारित जनगणना कराने के प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर 20 जनवरी को सुनवाई करने पर बृहस्पतिवार को सहमत हो गया। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा की पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता बरुण कुमार सिन्हा द्वारा मामले का उल्लेख किए जाने के बाद मामले में सुनवाई के लिए तारीख दी।

Supreme Court -सुप्रीम कोर्ट से बिहार सरकार को बड़ी राहत, जातीय जनगणना के खिलाफ सभी याचिकाएं खारिज

Supreme Court -सुप्रीम कोर्ट से बिहार सरकार को बड़ी राहत, जातीय जनगणना के खिलाफ सभी याचिकाएं खारिज
Supreme Court -सुप्रीम कोर्ट से बिहार सरकार को बड़ी राहत

 

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में जाति आधारित जनगणना कराने के बिहार सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को संबंधित उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने और कानून के अनुसार उचित कदम उठाने की अनुमति दी है। बता दें कि बिहार निवासी अखिलेश कुमार ने बिहार सरकार के जातीय जनगणना कराने के फैसले के खिलाफ  सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

बिहार में 7 जनवरी से जाति आधारित सर्वे शुरू हो चुका है। राज्य सरकार ने इस सर्वे को कराने की जिम्मेदारी जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट को सौंपी गई है। इसके तहत सरकार मोबाइल फोन एप के जरिए हर परिवार का डाटा डिजिटली इकट्ठा कर रही है। यह जातीय सर्वे दो चरणों में होगा। पहला चरण सात जनवरी से शुरू होगी। इस सर्वे में परिवार के लोगों के नाम, उनकी जाति, जन्मस्थान और परिवार के सदस्यों की संख्या से जुड़े सवाल होंगे। साथ ही इस सर्वे में लोगों की आर्थिक स्थिति और आय से जुड़े सवाल भी पूछे जाएंगे।

Supreme Court -सुप्रीम कोर्ट से बिहार सरकार को बड़ी राहत, जातीय जनगणना के खिलाफ सभी याचिकाएं खारिज
जातीय सर्वे के दूसरे चरण की शुरुआत एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक होगी। इस दौरान लोगों की जाति, उनकी उपजाति और धर्म से जुड़े आंकड़े जुटाए जाएंगे। बिहार सरकार ने 2023 तक जातीय सर्वे का काम पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। सरकार इस सर्वे पर करीब 500 करोड़ रुपए खर्च करेगी।

 

 

 

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