सत्यानाशी पौधा क्या है – 6 Benefits of Satyanashi Plant

6 Benefits of Satyanashi Plant: हमारे आस पास और खासकर पार्क, गार्डन, सड़क के किनारे और ग्रामीण क्षेत्रों में मिट्टी होने के कारण ऐसे कई तरह के पेड़, पौधे और फूल खिलते हैं, जिसके बारे में लोगों को पता नहीं होता है। लोगों को उन पेड़ पौधे के बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता होता है, तो वे बेकार समझते हैं। ऐसा ही एक पौधा है सत्यानाशी का जिसे लोग बेकार समझते हैं। बहुत से लोगों को लगता है कि यह कांटेदार पौधा ऐसे ही उग गया होगा, इसे फेंक देना चाहिए नहीं तो किसी को कांटा चुभ सकता है। बता दें कि ये कांटेदार पौधा हमारे सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है और गमले में लगाने पर इसके खूबसूरत फूल गमले की शोभा बढ़ाते हैं। चलिए जानते हैं इस पौधे के बारे में कुछ खास बातें।

6 Benefits of Satyanashi plant

सत्यानाशी दिखने में एक बहुत ही सुंदर पौधा है। इसका नाम बेशक सत्यानाशी हो, लेकिन आयुर्वेद की दृष्टि से यह बहुत ही काम का पौधा है। यह एक जड़ी-बूटी है जो पीलिया, डायबिटिज, आंख, सांस आदि की बीमारियों को ठीक करने में मदद करती है। यह वनस्पति हिमालयी क्षेत्रों में ज्यादा पाई जाती है। हालांकि इसे समूचे भारत में सड़कों के किनारे शुष्क क्षेत्रों में अधिक देखा जाता है। इस पौधे पर कांटे अधिक होते हैं। फूल पीले रंग के होते हैं। फूलों के अंदर श्यामले रंग के बीज होते हैं। सत्यानाशी को स्वर्णक्षीरी भी कहते हैं क्योंकि इसको तोड़ने पर पीले रंग का दूध निकलता है। सत्यानाशी में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-माइक्रोबायल गुण पाए जाते हैं। जो कब्ज, लिवर, बुखार आदि में लाभदायक होते हैं। सत्यानाशी के और क्या फायदे हैं, आइए जानते हैं विस्तार से।

सत्यानाशी पौधा क्या है – What is Satyanashi plant?

सत्यानाशी पौधा क्या है - 6 Benefits of Satyanashi Plant
6 Benefits of Satyanashi Plant

सत्यानाशी का पौधा अक्सर खाली जमीन पर उग जाती है। दिखने में बेहद खूबसूरत इस पौधे के कई तरह औषधीय गुण हैं। आमतौर पर यह हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है। हालांकि यह आपको सड़क के किनारे या निर्जन स्थानों में देखने को मिल जाएगा। देखने में इस पौधे में बहुत कांटे होते हैं इसके पत्ते, पौधे की डाली और फूलों के आसपास हर कहीं कांटे होते हैं। इसके फूल और फल को तोड़ने के लिए बहुत सावधानी की जरूरत पड़ेगी। इसके फूल पीले रंग के खिलते हैं और अंदर बैंगनी रंग के बीज होते हैं। वैसे तो दूसरे फूल और फल को तोड़ने पर सफेद रंग के दूध निकलते हैं लेकिन सत्यानाशी के पौधे से फूल तोड़ने पर पीले रंग के दूध निकलते हैं। पीले रंग के दूध निकलने के कारण इसे स्वर्णक्षीर भी कहते हैं।

सत्यानाशी पौधे के फायदे – 6 Benefits of Satyanashi plant

सत्यानाशी पौधा क्या है - 6 Benefits of Satyanashi Plant
6 Benefits of Satyanashi Plant

1. त्वचा को निखारे

त्वचा पर एक्ने, झाईयां, आंखों के नीचे डार्क सर्कल, पिंपल जैसी तमात परेशानियों को सत्यानाशी ठीक करता है। सत्यानाशी में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। जिससे त्वचा पर जो भी बैक्टीरिया से संबंधित परेशानियां होती हैं, उनसे छुटकारा मिलता है।

2. खांसी में फायदेमंद

सत्यानाशी को पंचांग कहा जाता है। इसकी जड़ भी आयुर्वदिक दृष्टि से बहुत उपयोगी है। जिन लोगों को खांसी या सांस संबंधी परेशानियां होती हैं, वे लोग सत्यानाशी (Yellow Thistle) का प्रयोग कर सकते हैं। खांसी से छुटकारा पाने के लिए सत्यानाशी की जड़ को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं। इस काढ़े को सुबह-शाम पीने से खांसी चली जाती है। इस काढ़े को हमने घर पर भी प्रयोग किया है।

सत्यानाशी पौधा क्या है - 6 Benefits of Satyanashi Plant
6 Benefits of Satyanashi Plant

3. पीलिया में फायदेमंद

पीलिया रोग में शरीर पीला पड़ जाता है। सबसे पहला लक्षण आंखों पर दिखाई देता है। इस रोग से बचने के लिए आप सत्यानाशी तेल में गिलोय का रस मिला लें। इस मिश्रण का सेवन करने से पीलिया रोग खत्म होता है।

4. मधुमेह में दिलाए आराम

मधुमेह आज की बढ़ती बीमारी है। इससे निपटने के लिए लोग कई तरह के उपाय अपनाते हैं। तमाम दवाएं खाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि येलो थिसल के पत्ते इस रोग में बहुत लाभदायक हैं। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखता है। इस वजह से मधुमेह की परेशानी में आराम मिलता है।

सत्यानाशी पौधा क्या है - 6 Benefits of Satyanashi Plant
6 Benefits of Satyanashi Plant

5. सूजन ठीक करे

सत्यानाशी (Uses of satyanashi) को कटैया भी कहा जाता है। जिन लोगों को किसी भी वजह से सूजन की समस्या हो जाती है तो उनके लिए यह बहुत लाभदायक है। सूजन से छुटकारा पाने के लिए कटैया को अच्छे से कूटकर जिस जगह सूजन है, वहां लगा लें। इससे सारी सूजन खत्म हो जाती है। पेट या पेड़ू या शरीर के किसी भी हिस्से पर सूजन आ जाए तो इस सत्यानाशी का प्रयोग किया जा सकता है। यह सभी वे उपाय हैं जो हमारे बुजुर्ग या हमारे माता-पिता इन्हें इस्तेमाल कर चुके हैं।

6. पेट में पानी भरने की समस्या

पेट में दूषित पानी जमा होने की वजह से जलोदर होता है. यह दो झिल्लीदार परतों के बीच बनता है जो एक साथ मिलकर पेरिटोनियम बनाते हैं. पेरिटोनियम एक चिकनी थैली है, जिसमें शरीर के अंग होते हैं. इसमें थोड़ी मात्रा में तरल पदार्थ होने सामान्य हैं. लेकिन दूषित पानी जमा होने से सूजन हो जाती है. पेट में खराब पानी जमा होने की समस्या से छुटकारा दिलाने में सत्यानाशी मददगार है. इस जड़ी-बूटी से ज्यादा पेशाब आता है और पेट में जमा पानी कम होने लगता है.

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल।

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6 Benefits of Satyanashi Plant

1. सत्यानाशी के पौधे को घर पर कैसे लगाएं?

सत्यानाशी का पौधा घर में लगाने से सुंदर कैक्टस के प्लांट का लुक देगा और फूल खिलने पर खूबसूरती बिखेरेगा। सत्यानाशी के पौधे के बीज और छोटे पौधे को लगा सकते हैं। इसके लिए सत्यानाशी के पके हुए बीज लें और मिट्टी में लगाएं। सत्यानाशी के पौधे को लगाने के बाद खास देखभाल की जरूरत नहीं होती है। मिट्टी में आप चाहें तो लगाते वक्त ऑर्गेनिक खाद मिला लें फिर उसे गमले में डालें। आपके पास बीज हो तो बीज से पौधा उगाए नहीं तो उसके छोटे पौधे से भी सत्यानाशी का पौधा घर में लगा सकते हैं। पौधे लगाने के बाद दिन में 2-3 बार पानी डालते रहें और इसे धूप छांव कहीं पर भी रख सकते हैं।

2. सत्यानाशी का पौधा क्या क्या काम आता है?

सत्यानाशी का पौधा ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने का काम करता है। इसके लिए आप इसके पत्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं। नपुंसकता कई कारणों से हो सकती है जिसमें से शुक्राणुओं की कमी को सबसे मेन कारण बताया गया है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स के मुताबिक सत्यानाशी में शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने का गुण पाया जाता है।

3. सत्यानाशी पौधे का अन्य नाम क्या है?

सत्यानाशी के पौधे के कई सारे नाम है, आइए जानें इसके बारे में सत्यानाशी के पौधे को उजर कांटा, प्रिकली पॉपी, कटुपर्णी, मैक्सिन पॉपी जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है।

सत्यानाशी पौधा क्या है - 6 Benefits of Satyanashi Plant
6 Benefits of Satyanashi Plant

4. सत्यानाशी के बीज क्या काम आते हैं?

इस जड़ी बूटी में एंटीमाइक्रोबायल, एंटीडाइबेटिक, एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इसके अलावा इसके बीज में रेचक गुण होते हैं जो कब्ज का इलाज करने में उपयोगी होते हैं। सत्यानाशी आपके लिवर के लिए भी लाभकारी होती है। इस साब के अलावा सत्यानाशी आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।

5. सत्यानाशी का तेल कैसे बनाया जाता है?

इस तेल की यह विशेषता है कि यह किसी भी प्रकार के व्रण (घाव) को भरकर ठीक कर देता है। निर्माण विधि : इसका पौधा, सावधानीपूर्वक कांटों से बचाव करते हुए, जड़ समेत उखाड़ लाएं। इसे पानी में धोकर साफ कर निकाल लें। जितना रस हो, उससे चौथाई भाग अच्छा शुद्ध सरसों का तेल मिला लें और मंदी आंच पर रखकर पकाएं।

 

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