Atmosphere and its Gases: वायुमंडल क्या है। ये हमने स्कूल के दिनों में जरूर पढ़ा है पर शायद आज हमे उतनी जानकारी नहीं है कि वायुमंडल में कौन कौन सी गैसे है ,कौन सी गैस कितनी मात्रा है इत्यादि।आज हम इस आर्टिकल में उसकी रचना, संगठन, संरचना, प्रमुख गैसें (gases) और उसकी परतो (layers) के बारे में जानेगे।
पृथ्वी के वायुमंडल से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी –
वायुमंडल क्या है – What is atmosphere
पृथ्वी को चारों ओर से घेरे हुए वायु के विस्तृत फैलाव को पृथ्वी का वायुमंडल (Earth atmosphere) कहते हैं। वायुमंडल की ऊपरी परत के अध्ययन को वायुविज्ञान (Aerology) और निचली परत के अध्ययन को ऋतु विज्ञान (Meterology) कहते हैं। आयतन के अनुसार वायुमंडल में 30 मील के अंदर विभिन्न गैसों का मिश्रण होता है।
वायुमंडल में पाई जाने वाली महत्वपूर्ण गैस – Atmosphere and Its Gases
1. नाइट्रोजन
इस गैस की प्रतिशत मात्रा सभी गैसों से अधिक हैं। यह गैस वायुमंडल में सबसे अधिक मात्रा (78%) में पाई जाती है। नाइट्रोजन की उपस्थिति के कारण ही वायुदाब, पवनों की शक्ति और प्रकाश के परावर्तन का आभास होता है। इस गैस का कोई रंग, गंध या स्वाद नहीं होता। नाइट्रोजन का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह वस्तुओं को तेजी से जलने से बचाती है। अगर वायुमंडल में नाइट्रोजन ना होती तो आग पर नियंत्रण रखना कठिन हो जाता। नाइट्रोजन से पेड़-पौधों में प्रोटीनों का निर्माण होता है, जो भोजन का मुख्य का अंग है। यह गैस वायुमंडल में 128 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैली हुई है।
2. ऑक्सिजन-
वायुमंडल में फैली गैसों का 21% भाग ऑक्सीजन है जो सांस लेने व आग जलाने में सहायक है। ऑक्सीजन के बिना जीवन की कल्पना नही की जा सकती और न ही इसके बिना आग जला पाना संभव है। यह अन्य पदार्थों के साथ मिलकर जलने का कार्य करती है। यह ऊर्जा का मुख्य स्त्रोत है। यह गैस वायुमंडल में 64 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैली हुई है, पर 16 किलोमीटर से ऊपर जाकर इसकी मात्रा बहुत कम हो जाती ह
3. कार्बन-डाई-ऑक्साइड –
कार्बन डाईऑक्साइड : हमारे द्वारा श्वसन क्रिया के दौरान छोड़ी जाने वाली व पौधों द्वारा ग्रहण की जाने वाली कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा हमारे वायुमंडल में 0.03% है। इस गैस को ग्रीन हाउस प्रभाव का कारण माना जाता है क्योंकि यह गैस सूर्य से आने वाली रेडिएशन को तो प्रवर्तित कर देती है लेकिन पृथ्वी की रेडिएशन को बाहर जाने से रोकती है इस प्रकार यह गैस पृथ्वी के वायुमंडल को गर्म करती है। पौधे कार्बन डाईऑक्साइड से ग्लूकोज और कार्बोहाइड्रेट बनाते हैं।
4. ओजोन –
यह गैस ऑक्सिजन का ही एक विशेष रूप है। यह वायुमंडल में अधिक ऊंचाइयों पर ही अति न्यून मात्रा में मिलती है। यह सूर्य से आने वाली तेज पराबैंगनी विकिरण (Ultraviolet Radiations) के कुछ अंश को अवशोषित कर लेती है। यह 10 से 50 किमी की ऊंचाई तक केंद्रित है। वायुमंडल में ओजोन गैस की मात्रा में कमी होने से सूर्य की पराबैंगनी विकरण अधिक मात्रा में पृथ्वी पर पहुंच कर कैंसर जैसी भयानक बीमारियां फैला सकती हैं।
5. आर्गन –
वायुमंडल की गैसों का 0.93% भाग ऑर्गन है इसका सर्वाधिक प्रयोग प्रकाश बल्बों में किया जाता है इसके प्रयोग से प्रकाश बल्बों की उम्र बढ़ती है तथा वे ज्यादा समय तक जलते हैं।
वायुमंडल से जुडी अन्य जानकारी –
- गैसों के अतिरिक्त वायुमंडल में जलवाष्प और धूल के कण भी उपस्थित हैं।
- आकाश का रंग नीला धूल कण के कारण ही दिखाई देता है।
- जलवाष्प सूर्य से आने वाले सूर्या तप के कुछ भाग को अवशोषित कर लेता है और पृथ्वी द्वारा विकरित ऊष्मा को संजोए रखता है। इस प्रकार यह एक कंबल का काम करता है। इससे पृथ्वी ना तो अधिक गर्म और ना ही अत्यधिक ठंडी लग सकती है।
- वायुमंडल में जलवाष्प सबसे अधिक परिवर्तनशील और असमान वितरण वाली गैस है।
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