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भगवान विष्णु के 10 अवतार – Avatars of Lord Vishnu

Avatars of Lord Vishnu:

भगवान विष्णु  त्रिदेवों (तीन महा देवताओं) में से एक हैं। निर्माण की योजना के अनुसार, ब्रह्माण्ड के निर्माण के बाद, उसके विघटन तक उसका संरक्षण करते हैं। इसलिए विष्णु को पालनकर्ता भी कहा गया है। भगवान विष्णु के दस अवतारों को संयुक्त रूप से ‘दशावतार’ कहा जाता है। आइये जानते है इस आर्टिकल में भगवान विष्णु के 10 अवतार (Avatars of Lord Vishnu) के बारे में।

भगवान विष्णु के 10 अवतार – Avatars of Lord Vishnu

1. मत्स्य अवतार (Matsya Avatar)

 भगवान विष्णु के 10 अवतार - Avatars of Lord Vishnu
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मत्स्यावतार भगवान विष्णु का प्रथम अवतार है। यह अवतार सृष्टि के क्रम को पुनः स्थापित करने के लिए गया था। भगवान ने मत्स्य अवतार में सत्यवृत से कहा आज से सात दिन बाद प्रलय होगी। तब मेरी प्रेरणा से एक विशाल नाव तुम्हारे पास आएगी। तुम सप्त ऋषियों, औषधियों, बीजों व प्राणियों के सूक्ष्म शरीर को लेकर उसमें बैठ जाना। सत्यव्रत ने ठीक ऐसा ही किया। रास्ते में भगवान मत्स्य नारायण ने मनु को मत्स्य पुराण भी सुनाया। इस तरह प्रभु ने सबकी प्रलय से रक्षा की, तथा पौधों तथा जीवों की नस्लों को बचाया।

2.कूर्म अवतार (Kurma Avatar)

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कूर्म अवतार भगवान विष्णु का दूसरा अवतार है, इसे ‘कच्छप अवतार’ भी कहते हैं। समुंद्र मंथन के दौरान मंदराचल पर्वत के नीचे कोई आधार ना होने के कारण वह समुद्र में डूबने लगा। तब भगवान विष्णु ने विशाल कूर्म (कछुए) का रूप धारण किया और मंदराचल पर्वत को अपने कवच पर संभाल लिया। भगवान कूर्म की विशाल पीठ पर मंदराचल तेजी से घुमने लगा और इस प्रकार समुद्र मंथन संपन्न हो पाया।

3. वराह अवतार (Varah Avtar)

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वराह अवतार भगवान विष्णु के तृतीय अवतार थे। राक्षसराज हिरण्याक्ष ने जब पृथ्वी को जल में डुबो दिया था तब ब्रह्मा की नाक से भगवान विष्णु वराह रूप में प्रकट हुए। अपनी धन की सहायता से उन्होंने पृथ्वी का पता लगा लिया और समुद्र के अंदर जाकर अपने दांतों पर रखकर वे पृथ्वी को बाहर ले आए। भगवान वराह ने हिरण्याक्ष का वध कर दिया। इसके बाद भगवान वराह ने अपने खुरों से जल को स्तंभित कर उस पर पृथ्वी को स्थापित कर दिया ।

4. भगवान नृसिंह (Narsingha Avatar)

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भगवान नृसिंह भगवान विष्णु के चौथे अवतार थे। हिरण्यकश्यप को यह वरदान था कि उसकी मृत्यु न दिन में, न रात में, न धरती में, न आकाश में, न दिन में, न रात में, न अस्त्र से, न शस्त्र से, न देवता से, न दानव से, न पशु से न पक्षी से होगी। इस घमण्ड से फलीभूत होकर वह अत्यन्त अत्याचारी हो गया। जब हिरण्यकशिपु  प्रह्लाद को मारने ही वाला था तब भगवान विष्णु नृसिंह का अवतार लेकर प्रकट हुए और उन्होंने अपने नाखूनों से हिरण्यकशिपु का वध कर दिया।

5. वामन अवतार (Vaman Avtar )

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वामन विष्णु के पाँचवे तथा त्रेता युग के पहले अवतार थे।  सत्ययुग में दैत्यराज बलि ने स्वर्गलोक पर अधिकार कर लिया। तब भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया। यज्ञ करते समय बलि ने भगवान वामन को तीन पग धरती दान देने का संकल्प ले लिया। भगवान वामन ने एक पग में धरती और दूसरे पग मैं स्वर्ग लोक नाप लिया। जब तीसरा पग रखने के लिए कोई स्थान नहीं बचा तो बलि ने भगवान बामन को अपने सिर पर पग रखने को कहा। बलि की दानवीरता देखकर भगवान ने उसे सुतललोक का स्वामी भी बना दिया। इस तरह भगवान वामन ने देवताओं की सहायता कर उन्हें स्वर्ग पुन: लौटाया।

6. परशुराम अवतार (Parshuram Avatar)

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परशुराम, भगवान विष्णु का छठा अवतार हैं। विष्णु जी ने परशुराम अवतार लेकर अत्याचारी हैहयवंशी क्षत्रिय वंशियो से युद्ध करके उनका नाश कर दिया दिया था।

7. श्रीराम अवतार (Ram Avatar)

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श्री राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं। त्रेता में राक्षसराज रावण का बहुत आतंक था। उसके वध के लिए विष्णु ने राजा दशरथ के यहां माता कौशल्या के गर्भ से पुत्र रूप में जन्म लिया। श्रीराम जी चारों भाइयों में सबसे बड़े थे।

8. श्रीकृष्ण अवतार (Krishna Avatar)

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श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के 8 वें अवतार थे। इन्हें कान्हा, गोपाल, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों से भी जाना जाता हैं। उनके पिता का नाम बसुदेव और माता का नाम देवकी था। ऐसी भविष्यवाणी हुई थी कि देवकी के गर्भ से उत्पन्न हुई आठवीं संतान के द्वारा कंस का वध होगा, अत: कंस ने कृष्ण की मारने की अनेक चेष्टाएँ की; किंतु कृष्ण ने अपने अद्भुत पुरुषार्थ से बाधाओं को पार करके अंत में कंस का वध किया।

श्रीकृष्ण महाभारत के युद्ध में अर्जुन के सारथि बने और दुनिया को श्रीमद्भागवत गीता का ज्ञान दिया। धर्मराज युधिष्ठिर को राजा बना कर धर्म की स्थापना की।

9. बुद्ध अवतार (Budha Avatar)

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बुद्धावतार भगवान् विष्णु का 9 वाँ अवतार है। आधुनिक मान्यतानुसार गौतम बुद्ध को ही बुद्धावतार माना जाता है।

10. कल्कि अवतार (Kalki Avatar)

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भविष्यपुराण अनुसार भगवान विष्णु का अगला अवतार कलयुग में होगा। ऐसा कहा गया है कि कल्कि अवतार श्वेत अश्व (सफेद घोड़े) पर आरूढ़ हो प्रज्वलिंग खड्ग धारण कर मानव के रूप में अवतार लेकर स्वर्ण युग की पुनः स्थापना कर मानव जाति का कल्याण करेंगे।

 

 

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