Benefits of Visiting 9 Jyotirlingas in Sawan: सावन के महीने में शिव भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है और इस महीने में शिव जी के नौ ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने को अत्यंत शुभ माना जाता है। कहते हैं कि शिवजी को श्रावण मास बेहद प्रिय है इसलिए शिवपूजन का महत्व और बढ़ जाता है.सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए लोग विशेष रूप से पूजा अर्चना करते हैं. ऐसी मान्यता है कि सावन (Sawan)के महीने में शिवजी के 12 ज्योतिर्लिंगों में से किसी एक ही दर्शन करने से भोलेबाबा प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. यहां हम आपको शिव जी के 9 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान के बारे में बताएंगे।
Benefits of Visiting 9 Jyotirlingas in Sawan
बारिश की रिमझिम फुहार के साथ ही सावन का पावन महीना शुरू हो चुका है। यह महीना खासतौर पर भगवान शिव को समर्पित होता है। ऐसे में इस मौसम में भोलेनाथ को खुश करने के लोग जमकर पूजा-पाठ करते हैं और व्रत भी रखते हैं। इतना ही नहीं सावन के महीने में लगभग सभी शिव मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। लोग देशभर में मौजूद अलग-अलग शिव मंदिरों में भगवान शिव के दर्शन के लिए दूर-दूर से पहुंचते हैं। सावन के हर सोमवार को उनकी पूजा-अर्जना होती है। लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए सोमवार के व्रत भी रखती हैं। वैसे तो देवों के देव महादेव उनको याद कर लेने से ही खुश हो जाते हैं, लेकिन सावन में उन्हें भांग, दूध, धतूरा और बेलपत्र अर्पित कर पूजा को पूर्ण किया जाता है।
शिवजी के 9 ज्योतिर्लिंग कहां कहां पर आए हुए है – Where are the 9 Jyotirlingas of Lord Shiva?
1. सोमनाथ मंदिर, गुजरात
गुजरात में स्थित सोमनाथ शिव मंदिर देश-दुनिया में काफी मशहूर है। बारह ज्योर्तिलिंग में से एक होने की वजह से इस मंदिर की अपनी अलग मान्यता है। यहां हर साल भारी संख्या में दूर-दूर से भक्त भोलबाबा के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। सावन में इस मंदिर के दर्शन करना शुभ माना जाता है।
2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, आंध्र प्रदेश
शिवजी का दूसरा ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश की कृष्णा नदी पर मौजूद श्रीशैल नामक पर्वत पर स्थित है, जिसे मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर का महत्व भगवान शिव के कैलाश पर्वत के समान माना गया है.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस ज्योतिर्लिंग की पूजा करने पर व्यक्ति को अश्वमेध यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है.व्यक्ति को उसके सभी पापों से मुक्ति मिलती है.
3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश
तीसरा महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है, जोकि एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है. यहां प्रतिदिन सुबह की जाने वाली भस्म आरती विश्व प्रसिद्ध है. सावन के हर सोमवार को यहां भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाती है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं.अकाल मृत्यु से रक्षा की कामना लेकर लोग यहां महाकाल बाबा के दर्शन करने आते हैं.
4. केदारनाथ, उत्तराखंड
जैसा कि आप सभी को पता ही होगा कि हिंदू धर्म के अनुनायियों के लिए केदारनाथ सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। यहाँ स्थित केदारनाथ मंदिर का शिवलिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और हिदूं धर्म के उत्तरांचल के चार धाम और पंच केदार में गिना जाता है। केदारनाथ का मंदिर साढ़े तीन हजार से ज्यादा फीट की ऊंचाई पर बना एक विशाल मंदिर है। यह मंदिर अप्रैल महीने से नवंबर तक खुला रहता है और सर्दियों में यहाँ भयंकर बर्फ पड़ती है। भक्तों का कहना है कि सावन के महीने में यहाँ दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
5. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के पुणे जिले में सह्याद्रि नामक पर्वत पर स्थित है, भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त श्रद्धा से इस मंदिर का दर्शन प्रतिदिन सुबह सूर्य निकलने के बाद करता है, उसके सात जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं.यहां शिव जी ने कुम्भकर्ण के पुत्र भीम समेत अनेक राक्षसों का वध किया है.
6. काशी विश्वनाथ मंदिर, उत्तर प्रदेश
काशी विश्वनाथ मंदिर, उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित है। वाराणसी को काशी और बनारस भी कहा जाता है। यह मंदिर काशी में दशाश्वमेध घाट पर स्थित है और थोड़ी ही दूरी पर गंगा नदी बहती है। शिवभक्त पहले गंगा नदी में स्नान करते हैं, इसके बाद ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने मंदिर में पहुंचते हैं। ऐसी मान्यता है कि बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से भक्तों के लिए मोक्ष का द्वार खुल जाता है और भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। यहाँ आने मात्र से ही भक्तों की हर तकलीफ दूर हो जाती है और मन-मस्तिष्क को असीम शांति मिलती है। भक्तों का ऐसा कहना है कि सावन के महीने में यहाँ दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
7. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग – मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश के इंदौर के पास में नर्मदा नदी के तट पर भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग मौजूद है, जिसे ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है. जिस स्थान पर यह ज्योतिर्लिंग स्थित है उस स्थान पर नर्मदा नदी बहती है. पहाड़ी के चारों ओर नदी बहने से यहां ऊं का आकार बनता है. यह ज्योतिर्लिंग ऊंकार अर्थात ऊं का आकार लिए हुए है, इसलिए इसे ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है.
8. वैद्यनाथ धाम, झारखंड
झारखंड के देवघर में स्थित बैद्यनाथ धाम (बाबाधाम) बहुत महत्त्वपूर्ण है और यहाँ के कामना लिंग को सर्वाधिक महिमामंडित कहा जाता है। इसके शिखर पर त्रिशूल के बजाय ‘पंचशूल’ होता है जिसे सुरक्षा कवच माना जाता है और यही बात इस मंदिर को खास बनाती है। वैसे तो साल भर यहाँ भक्तों की भीड़ रहती है लेकिन सावन के दौरान पूरा मंदिर केसरिया पहने शिवभक्तों से रंग जाता है। यहाँ दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। सावन के महीने में यहाँ दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं सावन महीने में यहाँ पर्यटकों की काफी भीड़ देखी जाती हैं।
9. त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र
त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग नासिक जिले, महाराष्ट्र में स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग त्र्यंबक नदी के किनारे स्थित है और यहां भगवान शिव को त्रिकोणाकारी लिंग के रूप में पूजा जाता है। यह स्थान भारतीय धरोहर और धार्मिक नगरी के रूप में महत्वपूर्ण है और शिव भक्तों के बीच लोकप्रिय तीर्थस्थलों में से एक है। त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लिए सावन के महीने के दौरान भी लाखों शिव भक्त यहां यात्रा करते हैं। यहां के मंदिर में पूजा-अर्चना का अवसर मिलता है और विशेष धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
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