Coromandel Train Accident:
ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम हुए रेल हादसे में 280 लोगों की मौत हो चुकी है और 900 लोग घायल हुए हैं। हादसे में सबसे बड़ी चर्चा का विषय यह भी रहा कि तीन ट्रेनें कैसे टकराईं सामने आया है कि पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस डिरेल होकर मालगाड़ी के इंजन पर चढ़ गई और फिर इसकी बोगियों हावड़ा-बेंगलुरु एक्सप्रेस आकर भिड़ गई। इस हादसे ने सबको हैरान कर दिया है आइये जानते है इस हादसे के बारे में विस्तार से।
बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस हादसा :
ओडिशा के बालासोर में हुआ हादसा जहां एक तरफ दिल दहला रहा है तो वहीं इस दुर्घटना को लेकर लोगों के मन में सवाल भी कम नही है। शुक्रवार शाम जैसे ही यह रेल हादसा सामने आया तो पहले एक मालगाड़ी और एक एक्सप्रेस ट्रेन की टक्कर की खबर सामने आई थी। उस दौरान शुरुआती लिहाज से 30 लोगों की मौत ने लोगों में हलचल तो मचाई, लेकिन जब सामने आया कि टक्कर 2 नहीं तीन ट्रेनों में हुई है तो यह लोगों के लिए चौंकाने वाली बात बन गई कि तीन ट्रेनों में आपस में टक्कर कैसे हो सकती है। शुक्रवार की शाम से लेकर मृतकों के बढ़ते आंकड़ों के बीच यह सवाल तैरता रहा कि आखिर तीन ट्रेनें टकराई कैसे?
क्या है पूरा मामला –
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सबसे पहले बता दें कि यह हादसा बालासोर स्टेशन के नजदीक बहानगा बाजार स्टेशन के पास हआ है। हादसे के समय आउटर लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी। हावड़ा से आ रही कोरोमंडल एक्सप्रेस (12841) जो कि चेन्नई जा रही थी बहानगा बाजार से 300 मीटर पहले डिरेल हुई। हादसा इतना भयानक था कि कोरोमंडल एक्सप्रेस का ईंजन मालगाड़ी पर चढ गया। इसके साथ ही कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन की पीछे वाली बोगियां तीसरे ट्रैक पर जा गिरीं। तभी इसी ट्रैक पर तेज रफ्तार से आ रही हावड़ा- बेंगलुरु एक्सप्रेस (12864) ट्रैक पर पड़ी कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों से बहुत तेजी से टकराईं।
वहां के स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्होंने लगातार तेज आवाजें सुनीं। एक के बाद एक तेज धमाके जैसी आवाज सुनकर वे मौके पर पहुंचे। उन्होंने देखा के ट्रेनें डिरेल पड़ी हुई थीं और सामने स्टील-लोहे व अन्य धातु के बेतरतीब टूटे-फूटे ढेर के अलावा कुछ नहीं था।
हादसे की स्थिति –
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हादसे को लेकर दी गई प्रेस रिलीज में सामने आया कि ट्रेन संख्या है 12841 (कोरोमंडल एक्सप्रेस) के कोच बी2 से बी9 तक के कोच पलट गए थे। वहीं ए1 ए2 कोच भी ट्रैक पर औंधे जा पड़े। वहीं कोच B1 के साथ-साथ इंजन पटरी से उतर गया और कोच एच1 और जीएस कोच ट्रैक पर रह गए। यानि कोरोमंडल एक्सप्रेस में मरने वालों की संख्या अधिकतम हो सकती है और एसी बोगी में सवार लोगों की जानहानि अधिक होने की आशंका है।
बेंगलुरु-हावड़ा के इतने कोच क्षतिग्रस्त –
वहीं, ट्रेन सं. 12864 (बेंगलुरू हावड़ा मेल) का एक जीएस को क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके साथ ही पीछे की ओर का जीएस कोच और दो बोगियां पटरी से उतर कर पलट गईं। वहीं कोच ए1 से इंजन तक की बोगी ट्रैक पर रहीं। इस ट्रेन हादसे की जांच ए. एम. चौधरी (सीआरएस/ एसई सर्किल) करेंगे। उन्हें शनिवार भोर में ही यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इसमें जो बच गए वह बताते हैं कि कोरोमंडल एक्सप्रेस से वह तमिलनाडु जा रहे थे। जब यह हादसा हुआ उसे याद करते हुए वह कहते हैं, हमें झटका लगा और अचानक हमने ट्रेन की बोगी को एक तरफ मुड़ते देखा। कोच तेजी से पटरी से उतरने लगे और एक झटके के साथ हम में से कई लोग डिब्बे से बाहर फेंका गए। हम रेंग कर किसी तरह बाहर निकले, लेकिन हमारे आस-पास चारों तरफ शव पड़े हुए थे।
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