Finlaid Company Clean Tech Lucknow Waste
राजधानी सहित प्रदेश के प्रमुख शहरों में कचरा प्रबंधन का काम फिनलैंड की कंपनी क्लीन टेक ही करेगी। शनिवार शाम प्रदेश सरकार व कंपनी के बीच इसके लिए एमओयू हो गया है। कंपनी प्रदेश में कूड़ा प्रबंधन पर करीब 20 लाख मिलियन डालर का निवेश करेगी और लखनऊ में कचरा निस्तारण के लिए नया प्लांट भी लगा सकती है। भारत में फिनलैंड की कंपनी का काम एवीएस ग्रुप देखता है।
फिनलैंड की कंपनी क्लीन टेक संभालेगी लखनऊ का कचरा प्रबंध – Finlaid Company Clean Tech Lucknow Waste Management
शनिवार को फिनलैंड की कंपनी क्लीन टेक की टीम ने शिवरी प्लांट का निरीक्षण किया था। नगर आयुक्त के साथ प्लांट पर मीटिंग भी की थी, जिसमें प्लांट संचालन से लेकर कचरा प्रबंधन योजना को लेकर जानकारी ली थी। इसके बाद शनिवार शाम कंपनी के सीईओ की प्रदेश के नगर विकास मंत्री अरविंद शर्मा व नगर विकास विभाग के आला अधिकारियों से भी कंपनी की बात हुई। फिर कंपनी की ओर से प्रजेंटेशन दिया गया, जिसमें कंपनी ने राजधानी सहित प्रदेश के अन्य शहरों में कचरा प्रबंधन के काम को लेकर अपनी कार्ययोजना बताई। इसके बाद कंपनी ने प्रदेश सरकार के साथ एमओयू साइन किया। इससे साफ हो गया कि अब यही कंपनी शहर में कचरा प्रबंधन का काम करेगी। यह तीसरी कंपनी होगी जो यह जिम्मेदारी संभालेगी। कंपनी पूर्व की कंपनियों की तरह ही सिर्फ डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन और प्लांट पर उसके निस्तारण का काम करेगी। झाड़ू नगर निगम ही लगवाएगा।
शिवरी से कचरा हटाने में लग जाएगा एक साल
जानकारों का कहना है कि अभी शिवरी प्लांट पर इतना कूड़ा जमा है कि उसके निस्तारण में ही एक साल से अधिक का समय लग सकता है। इसके अलावा वहां पर जो मशीनें हैं वे पुरानी हो चुकी हैं। ऐसे में क्लीन टेक कंपनी नया प्लांट लगा सकती है। इस बारे में नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कहा कि कंपनी जो प्रस्ताव देगी उस पर शासन के निर्देश पर अमल किया जाएगा। यदि कंपनी नया प्लांट लगाएगी तो उसके लिए जमीन दी जाएगी।
11 साल में पटरी पर नहीं आ पाई योजना
कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण को लेकर जेएनएयूआरएम योजना के साल 2007 में कचरा प्रबंधन योजना शहर के लिए मंजूर हुई थी और 2012 में प्लांट बनकर चालू हुआ था। सबसे पहले शहर की ही कंपनी ज्योति इनवायरोटेक को कचरा प्रबंधन का काम मिला। उसका काम ठीक न होने पर साल 2017 में चीनी कंपनी ईकोग्रीन एनर्जी को यह जिम्मेदारी दी गई। इसने भी दो साल तो ठीक से काम किया, लेकिन बाद में फर्जीवाड़े करने लगी। इससे शिवरी प्लांट पर 18 लाख मीट्रिक टन कूड़े का पहाड़ लग गया है। इसे समाप्त करने पर शासन को करीब 96 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे। ईकोग्रीन की इसी लापरवाही को देखते हुए अब नई कंपनी को शहर के कचरा प्रबंधन का काम दिया जा रहा है।
आदेश मिलते ही सौंपी जाएगी जिम्मेदारी
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि कचरा प्रबंधन में निवेश को लेकर प्रदेश सरकार के साथ फिनलैंड की कंपनी क्लीन टेक ने एमओयू किया है। ऐसे में अब यह तय हो गया कि यही कंपनी कचरा प्रबंधन का काम करेगी। वह नया प्लांट लगाएगी या पुराने पर ही काम करेगी यह अभी तय नहीं हुआ है। सरकार की ओर आदेश आते ही नई कंपनी को काम की जिम्मेदारी सौंप दी जाएगी।
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