History of Mussoorie: मसूरी उत्तराखंड की प्रकृति की गोद में बसा हुआ एक छोटा सा शहर है जिसे ‘पहाड़ों की रानी’ भी कहा जाता है। मसूरी सौंदर्य, शिक्षा, पर्यटन व व्यावसायिक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है। पहाड़ों के बीच बसा मसूरी देहरादून का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है। हिमालय और दून घाटी के बीच बसा मसूरी का नज़ारा बर्फ से ढके होने के कारण बहुत ही मनमोहक लगता है। आइये जानते है आगे इस आर्टिकल में इस मनमोहक नज़ारे वाले मसूरी के इतिहास और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में।
मसूरी का इतिहास और जानकारी – History of Mussoorie

मसूरी हिल स्टेशन उत्तराखंड राज्य का पर्वतीय नगर है। यह देहरादून से 35 किलोमीटर और दिल्ली-एनसीआर से लगभग 250 किलोमीटर दूर है। मसूरी 2,112 मीटर की ऊँचाई पर हिमालय की तराई में एक मनोरम पर्वतीय क्षेत्र के बीच में स्थित है। इसे पहाड़ों की रानी कहा जाता है जो गंगोत्री का प्रवेश द्वार भी है। मसूरी के एक ओर से गंगा नजर आती है तो दूसरी ओर से यमुना नदी।
यहां पर दुर्लभ वनस्पतियां और जीव जंतु पाए जाते हैं। यहां के ऊंचे ऊंचे पहाड़ और हरी भरी छटा देखते ही बनती है। पतली घुमावदार सड़कें, हरे-भरे पेड़, दूर तक नजर आती ऊंची-नीची पहाड़ियां, एक ओर दूर नजर आते बर्फ से ढंके सफेद पहाड़, दूसरी ओर पहाड़ों की गोद में बने छोटे-छोटे घर यानी देहरादून शहर। यहां आकर कोई भी रोमांचित हो सकता है। हनीमून मनाने के लिए यह आदर्श स्थान है।
मसूरी का इतिहास – History of Mussoorie

मसूरी की खोज कैप्टन यंग ने 1827 में की थी। कहा जाता हैं कि ब्रिटिश आर्मी के कैप्टन यंग ने मसूरी की सुन्दरता से प्रभावित होकर यहीं बसने का निर्णय किया था। मसूरी का नामकरण यहाँ पर बहुतायत में पाए जाने वाले मसूर के पौधे के कारण हुआ था।
मसूरी की यात्रा –
मसूरी का निकटतम एयरपोर्ट देहरादून में है। देहरादून से लोकल बस, टैक्सी द्वारा मसूरी पहुँचा जा सकता है। मसूरी से निकटतम रेलवे स्टेशन 33 किलोमीटर दूरी पर देहरादून है । मसूरी भारत के कई बड़े शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन, डीटीसी, सेमी लक्ज़री, लक्ज़री बसें मसूरी तक उपलब्ध हैं।
मसूरी में पर्यटन स्थल –

पर्वतों की रानी, मसूरी शहर देहरादून के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है। मसूरी में एक ओर जहाँ विशाल हिमालय की चमचमाती बफीली शृंखलाओं का सुंदर नज़ारा दिखता है, वहीं दूसरी ओर दून घाटी में बिखरी प्रकृति की अदभुत सुंदरता पर्यटकों को शांति प्रदान करती है। गन हिल, मसूरी झील और केम्पटी फॉल मसूरी के यादगार पर्यटन स्थल हैं।
शिक्षण संस्थान –
मसूरी की जलवायु और इसके आसपास का वातावरण इसको बहुत से आवासीय विद्यालयों के लिए उपयुक्त स्थल बनाता है।
मसूरी में कई विद्यालय है जिनमें से यह प्रमुख है वायनबर्ग ऐलन, गुरु नानक पंचम सेंटिनरी, मसूरी इंटरनैशनल, टिबेटन होम्स और वुडस्टॉक स्कूल हैं। मसूरी में सेंट जॉर्ज विद्यालय की स्थापना 1853 में हुई थी। गुरु नानक फिफ्थ सेंटेनरी स्कूल, मसूरी (GNFCS) मसूरी का प्रसिद्ध विद्यालय है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिये चयनित अभ्यर्थियों के प्रशिक्षण हेतु यहां पर लाल बहादुर प्रशिक्षण अकादमी स्थापित है।
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