How Hindi is More Powerful than “English”
दुनिया में अंग्रेजी का जादू क्षेत्रीय भाषाओं के आगे फीका पड़ जाता है. 90 के दशक में इंटरनेट पर 80 प्रतिशत सामग्री अंग्रेजी में हुआ करती थी, जो अब 53 प्रतिशत हो गई है। जबकि क्षेत्रीय भाषाओं की हिस्सेदारी 20 फीसदी से बढ़कर 47 फीसदी हो गई है।
इसने 7 वर्षों में अनुवादकों की संख्या को भी दोगुना कर दिया है। फोर्ब्स के मुताबिक दुनिया में अनुवाद उद्योग 2025 तक 73.6 अरब डॉलर (6 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच सकता है, जो फिलहाल 51.6 अरब डॉलर (4.27 लाख करोड़ रुपये) है।
देश में फिलहाल इसकी साइज करीब 4,139 करोड़ रुपए है। 2016 में ओटीटी प्लेटफॉर्म के लॉन्च होने के कारण डबिंग और सबटाइटलिंग उद्योग में तेजी आई है।
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