तुलसी का पौधा घर के आंगन में क्यों लगाया जाता है? – Importance of Tulsi Plants

हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व – Importance of Tulsi Plants  है। पौराणिक मान्यता है कि घर में तुलसी का पौधा लगाने से देवी-देवताओं की विशेष कृपा बनी रहती है। घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। इसके साथ ही आर्थिक तौर पर भी लाभ मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार घर में तुलसी का पौधा हो तो इसकी पूजा रोज की जानी चाहिए। तुलसी के पौधे को रोज़ जल देना चाहिए और सुबह-शाम तुलसी के पौधे के समीप दीपक जलाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि प्रतिदिन तुलसी के पौधे की पूजा करने से माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

Importance of Tulsi Plants – तुलसी के पौधे का महत्व

हर हिंदू गृहस्थ के घर के आंगन में प्राय: तुलसी का पौधा लगा होता है। यह हिन्दू परिवार की एक विशेष पहचान है। स्त्रियां इसके पूजन के द्वारा अपने सौभाग्य एवं वंश की समृद्धि की रक्षा करती हैं। रामभक्त हनुमान जी जब सीता की खोज करने लंका गए तो उन्हें एक घर के आंगन में तुलसी का वृक्ष दिखलाई दिया। तो वो समझ गए की ये किसी हरि भक्त का घर है। अति प्राचीन परम्परा से तुलसी का पूजन गृहस्थ परिवार में होता आया है। जिनकी संतान नहीं होती वे तुलसी-विवाह भी कराते हैं। तुलसी पत्र चढ़ाए बिना शालिग्राम का पूजन नहीं होता। विष्णु भगवान को चढ़ाए श्राद्ध भोजन में, देवप्रसाद, चरणामृत, पंचामृत में तुलसी पत्र होना आवश्यक है अन्यथा वह प्रसाद भोग देवताओं को नहीं चढ़ता। मरते हुए प्राणी के अंतिम समय में गंगाजल व तुलसी पत्र दिया जाता है। तुलसी जितनी धार्मिक मान्यता किसी भी पौधे की नहीं है।

तुलसी का पौधा घर के आंगन में क्यों लगाया जाता है? – Why is Tulsi plant planted in the courtyard of the house?

तुलसी का पौधा घर के आंगन में क्यों लगाया जाता है? - Importance of Tulsi Plants
Importance of Tulsi Plants

घर के आँगन में तुलसी का पौधा लगाने से घर में बुरी शक्तियों का प्रवेश नहीं होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के बाहर तुलसी का पौधा लगाने से नकारात्मक शक्तियाँ घर के अंदर प्रवेश नहीं कर पाती हैं।

वास्तुशास्त्र के अनुसार घर के बाहर तुलसी का पौधा लगाने से वास्तु दोष दूर होता है। तुलसी को पौधे को घर में उत्तर या पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है।

घर के बाहर तुलसी का पौधा लगाने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। वास्तुशास्त्र के अनुसार उत्तर-पूर्व दिशा को धन के देवता कुबेर की दिशा मानी जाती है इसलिए घर की आर्थिक स्थिति में वृद्धि करने के लिए तुलसी को उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना चाहिए।

किस दिन लगाना चाहिए तुलसी का पौधा

Importance of Tulsi Plants

गुरुवार का दिन भगवान श्री हरि विष्णु का होता है. ऐसे में गुरुवार के दिन यदि आप घर में तुलसी का पौधा लगाते हैं, तो आपको श्री विष्णु भगवान की कृपा प्राप्त होती है.
शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी को अर्पित किया गया है और तुलसी को देवी लक्ष्मी का ही स्वरूप माना गया है. इसलिए आप इस दिन भी तुलसी का पौधा लागा सकते हैं.
शनिवार के दिन भी तुलसी का पौधा आप लगा सकते हैं. इस दिन पौधा लगाने से लंबे वक्त से चली आ रही आर्थिक तंगी दूर हो जाती है.

किस दिशा में लगाएं

तुलसी का पौधा आप अपने घर में तुलसी को ईशान कोण, उत्तर या पूर्व दिशा में लगा सकते हैं, वैसे उत्तर दिशा को सबसे शुभ माना गया है.
अगर आप तुलसी के पौधे को पूर्व दिशा में लगाते हैं, तो घर में सूर्य के समान ऊर्जा आती है.
उत्तर दिशा में तुलसी का पौधा लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है.
तुलसी के पौधे को कभी भी साउथ या साउथ वेस्ट दिशा में न रखें.

तुलसी के पौधे का महत्व – (Importance of Tulsi Plants)

Importance of Tulsi Plants

धार्मिक महत्व

  • हिंदू धर्म के अनेक ग्रंथों और पुराणों में तुलसी के पौधे का महत्व बताया गया है। पद्मपुराण, ब्रह्मवैवर्त, स्कंद पुराण, भविष्य पुराण और गरुड़ पुराण में तुलसी के पौधे की विशेषताएं बताई गई हैं।
  • भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की कोई भी पूजा तुलसी दल के बिना पूरी नहीं मानी जाती है। वहीं हनुमान जी को भी भोग में तुलसी दल बहुत ही प्रिय होती है।
  • पुराणों के अनुसार घर के आंगन में तुलसी का पौधा लगाने से और उसकी देखभाल करने से व्यक्ति के पूर्व जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं।
  • पुराणों में बताया गया है मृत्यु के समय गंगाजल संग तुलसी के पत्ते लेने से आत्मा को शान्ति और स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
  • पूजा में कभी भी तुलसी के पत्ते और गंगाजल को बासी नहीं माना जाता। ये दोनों चीजें किसी भी परिस्थिति में बासी और अपवित्र नहीं मानी जाती।
  • माना जाता है कि जिन घरों में रोजाना तुलसी की पूजा होती है वहां कभी यमदूत प्रवेश नहीं करते। इसके साथ ही घर की सुख-समृद्धि बनी रहती है।

वैज्ञानिक महत्व

तुलसी का पौधा घर के आंगन में क्यों लगाया जाता है – Importance of Tulsi Plants
  • तुलसी के नियमित सेवन से शरीर में ऊर्जा का प्रवाह नियंत्रित होता है और व्यक्ति की उम्र बढ़ती है।
  • तुलसी के पौधे में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल व एंटीबायोटिक गुण होते हैं जो संक्रमण से लड़ने में शरीर को सक्षम बनाते हैं।
  • तुलसी का पौधा घर में होने से घर का वातारण शुद्ध होता है
  • संक्रामक रोगों से निपटने के लिए तुलसी कारगर है।

आंगन में तुलसी लगाने से क्या होता है?

तुलसी के पौधे को सबसे पवित्र माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जिस घर में यह पौधा होता है उसमें हमेशा सुख समृद्धि बनी रहती है। तुलसी का पौधा सभी हिन्दू घरों के लिए अनिवार्य माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यदि तुलसी के पौधे को वास्तु के अनुसार सही दिशा में रखा जाता है तो घर में सदैव खुशहाली बनी रहती है।

घर के आंगन में कौन सी तुलसी लगानी चाहिए?

आमतौर पर घर में दो तरह के तुलसी के पौधे लगाए जाते हैं -रामा और श्यामा तुलसी। वास्तु विशेषज्ञ मधु कोटिया जी के अनुसार, घर पर लगाने के लिए सबसे अच्छी तुलसी रामा को माना जाता है। इसे सभी तुलसी के पौधों में सबसे पवित्र माना जाता है।

तुलसी का कौन सा पौधा शुभ होता है?

हरे रंग की पत्तियों वाली तुलसी को रामा तुलसी कहा जाता है. इसे श्री तुलसी, भाग्यशाली तुलसी या फिर उज्जवल तुलसी कहा जाता है. इसे घर में लगाने से सुख समृद्धि का वास होता है. वहीं काले और बैंगनी से रंग की पत्तियों वाली तुलसी को श्यामा तुलसी कहा जाता है.

Why is Tulsi plant planted in the courtyard of the house?

कौन सा पौधा लगाने से घर में लक्ष्मी आती है?

घर में हरसिंगार का पौधा लगाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और परिवार में खुशहाली रहती है. मान्यता के मुताबिक, जिस घर में हरसिंगार का पौधा होता है वहां मां लक्ष्मी का वास होता है

तुलसी के पास कौन सी पांच चीजें नहीं रखनी चाहिए?

तुलसी का पौधा बहुत पवित्र होता है इसलिए कभी भी इसके पास गंदगी ना फैलाएं. तुलसी के गमले के आस-पास कूड़ादान नहीं रखना चाहिए. माना जाता है कि इससे घर में दरिद्रता आती है. तुलसी के आस-पास कभी भी जूते या चप्पल नहीं रखना चाहिए.

तुलसी की पूजा करते समय क्या बोलना चाहिए?

1-तुलसी स्तुति मंत्र : नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।। तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी। धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।। लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

 

 

 

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