शरीर में प्रोटीन की कमी होने पर इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है। शरीर में कई बीमारियां हो सकती हैं। चलिए जानते हैं प्रोटीन की कमी से होने वाली बीमारियों के बारे में। शरीर के लिए प्रोटीन, विटामिन और हर तरह के खनिज तत्व महत्वपूर्ण होते हैं, लेकिन इनमें से यदि एक की भी शरीर में कमी हो जाए तो कई शारीरिक समस्या पैदा हो सकती है। यदि बात प्रोटीन के बारे में की जाए तो यह शरीर के लिए बेहद आवश्यक होता है क्योंकि नई कोशिकाओं के निर्माण में प्रोटीन काफी सहायक होता है।
Symptoms of Protein Deficiency
आपके शरीर को स्वस्थ रहने और सही तरीके से काम करने के लिए प्रोटीन (Protein) की जरूरत होती है। अंगों से लेकर आपकी मांसपेशियों, टिश्यू, हड्डियों, त्वचा और बालों में 10,000 से अधिक प्रकार के प्रोटीन पाए जाते हैं। प्रोटीन उन प्रक्रियाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो बॉडी को ऊर्जा की पूर्ति करते हैं और ऑक्सीजन युक्त रक्त को पूरे शरीर में ले जाते हैं। यह एंटीबॉडी बनाने से लेकर कोशिकाओं को स्वस्थ रखने और नए बनाने में भी मदद करते हैं।लेकिन आप जानते हैं, यदि एक हफ्ते तक सही मात्रा में प्रोटीन का सेवन न किया जाए तो, आपकी सेहत पर असर पड़ना शुरू हो जाता है। पर बॉडी को हर दिन कितनी मात्रा में प्रोटीन की आवश्यकता होती है
प्रोटीन की कमी से होने वाली बीमारियां – Protein Deficiency Diseases
1.बच्चों के विकास में कमी
बच्चों का शारीरिक विकास ठीक तरह से होने के लिए सभी पोषक तत्वों से युक्त संतुलित आहार देना आवश्यक होता है। बच्चों के शारीरिक विकास में प्रोटीन बेहद अहम तत्व होता है। बच्चों की हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत बनाने के लिए भी प्रोटीन बहुत जरूरी है। ऐसे में बच्चों को यदि पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन नहीं मिलता है तो उनके शारीरिक विकास में समस्याएं हो सकती है। दिमागी रूप से भी बच्चा कमजोर हो सकता है। बच्चों की ग्राह्य क्षमता प्रभावित होने के कारण पढ़ाई में भी कमजोर हो जाते हैं।
2.हड्डियों का कमजोर होना
ज्यादातर लोग शरीर में प्रोटीन की कमी को सिर्फ मसल्स मास या वजन से जोड़कर ही देखते हैं। लेकिन प्रोटीन की कमी से हड्डियों पर भी विपरीत असर पड़ सकता है और वह कमजोर भी हो सकती हैं। जब शरीर में प्रोटीन की कमी होती है, तो फ्रैक्चर या मामूली चोट के कारण भी हड्डियां टूटने का खतरा रहता है। खासतौर से, बच्चों में यह समस्या काफी गंभीर होती है और इस वजह से ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना भी कई गुना बढ़ जाती है।
3.फैटी लीवर की परेशानी (Fatty Liver Problem)
फैटी लीवर प्रोटीन की कमी के कारण होने वाला एक आम विकार है। यह लीवर की कोशिकाओं में फैट जमा होने का कारण होता है और अगर इसे बिना उपचार के छोड़ दिया जाए, तो इससे बच्चे को लीवर संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। इस बीमारी के कारण बच्चे में मोटापा और फैट बढ़ सकता है। ऑयली और जंकफूड का सेवन करने से ये परेशानी और बढ़ सकती है।
बच्चों को प्रोटीन की कमी से होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए आप डॉक्टर की उचित सलाह और दवाईयों के साथ-साथ उन्हें प्रोटीनयुक्त आहार का सेवन भी जरूर कराएं ताकि पोषक तत्वों की कमी पूरी हो सके। इसके लिए आप बच्चे को अंडा, ग्रीक योगर्ट, दूध, नट्स और बीज, कॉटेज पनीर, चिकन, दाल और बादाम खिला सकते हैं।
4.स्किन, बाल और नाखूनों पर विपरीत असर पड़ना
प्रोटीन की कमी अक्सर त्वचा, बालों और नाखूनों पर अपनी छाप छोड़ती है, जो काफी हद तक प्रोटीन से बने होते हैं। जब शरीर मे प्रोटीन की कमी हो जाती है, तो यह स्किन को प्रभावित कर सकती है, जिससे रेडनेस और परतदार त्वचा की समस्या हो सकती है। साथ ही, यह नाखूनों के कमजोर होने और बालों के झड़ने का कारण भी बन सकता है। हालांकि, ये लक्षण तब तक नजर नहीं आते हैं, जब तक कि प्रोटीन की गंभीर कमी ना हो जाए।
5.कैचेक्सिया
कैचेक्सिया या कैशेक्सिया (Cachexia) शरीर में प्रोटीन की कमी से होने वाली एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी में मरीज का शरीर कंकाल बन सकता है। इसकी वजह से मरीज को किडनी फेलियर, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज और आर्थराइटिस जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
शरीर में प्रोटीन की कमी के लक्षण – Symptoms of Protein Deficiency
तेजी से वजन कम होना
बाल झड़ने की समस्या
मसल्स में दर्द
नाखूनों का टूटना
इम्यूनिटी कमजोर होना
शरीर में सूजन
शरीर का विकास प्रभावित होना
थकान और चिड़चिड़ापन
स्किन में सूजन और चकत्ते
प्रोटीन के स्रोत क्या हैं?
हम अपने खानपान के माध्यम से शरीर में प्रोटीन की कमी को दूर कर सकते हैं। दाल, रोटी, कच्ची सब्जियां, दूध, दही, राजमा, सोयाबीन, मूंगफली, मेवा, अंडा, चिकन और मछली आदि प्रोटीन के अच्छे और प्राकृतिक स्रोत हैं। नियमित रूप से इनके सेवन से शरीर में कभी भी प्रोटीन की कमी नहीं होगी। कई लोग प्रोटीन की कमी को दूर करने के लिए दवाइयों का भी सेवन करते हैं।
प्रोटीन की कमी से होने वाली बीमारी का नाम क्या है?
प्रोटीन की कमी से होने वाले नुकसान
अवसाद
शारीरिक विकास में कमी
बच्चों में कुपोषण जैसी बीमारी
दिमाग का कमजोर होना
अनिद्रा
वजन का बढ़ना
प्रोटीन का स्तर गिरने का क्या कारण है?
यदि आपका कुल प्रोटीन स्तर कम है, तो आपको लीवर या किडनी की समस्या हो सकती है, या यह हो सकता है कि प्रोटीन ठीक से पच नहीं रहा है या अवशोषित नहीं हो रहा है। एक उच्च कुल प्रोटीन स्तर निर्जलीकरण या एक निश्चित प्रकार के कैंसर का संकेत दे सकता है, जैसे कि मल्टीपल मायलोमा, जिसके कारण प्रोटीन असामान्य रूप से जमा हो जाता है।
मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे कितना प्रोटीन चाहिए?
अपने दैनिक प्रोटीन सेवन का निर्धारण करने के लिए, आप अपना वजन पाउंड में 0.36 से गुणा कर सकते हैं, या इस ऑनलाइन प्रोटीन कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं। एक 50 वर्षीय महिला के लिए जिसका वजन 140 पाउंड है और जो गतिहीन (व्यायाम नहीं करती) है, जो एक दिन में 53 ग्राम प्रोटीन का अनुवाद करती है।
सबसे ज्यादा कौन से ड्राई फ्रूट में प्रोटीन होता है?
सबसे अधिक प्रोटीन वाला ड्राई फ्रूट कौन सा है? ड्राई फ्रूट्स की बात करें तो मूंगफली में सबसे अधिक प्रोटीन कंटेंट होता है। 100 ग्राम मूंगफली में 26.2 ग्राम प्रोटीन की मात्रा होती है (37)।
कौन सी दाल में सबसे ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है?
इसलिए इस आर्टिकल में हम कुछ ऐसी दालों के बारे में बता रहे हैं, जिनमें सबसे अधिक प्रोटीन पाया जाता है. उड़द की दाल जिसे हम आम तौर पर स्वादिष्ट दाल मखनी के रूप में खाते हैं, वह सबसे पौष्टिक दालों में से एक है. फैट और कम कैलोरी वाली यह दाल न्यूट्रिशन से भरपूर होती है.
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