देश की सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा और उनकी हालत के बारे में तो हर कोई जानता है कुछ अपवादों को छोड़ कर पूरा सिस्टम ही खराब चल रहा है। अस्पतालों में सही समय पर मरीजों की देखभाल, उनका इलाज और मरीजों की भर्ती सही समय पर होना यह कोई चमत्कार से कम नहीं होता है। इसी बीच मानसिक रोगियों के लिए बने अस्पतालों में एक ऐसी रिपोर्ट आई है जिसे पढ़कर किसी भी व्यक्ति का मन दुखी हो जाएगा।
देश की सभी सरकारी मेंटल हेल्थ केयर इंस्टिट्यूशन की हालत खराब
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की रिपोर्ट के अनुसार देश की सभी सरकारी मेंटल हेल्थ केयर इंस्टिट्यूशन की हालत बहुत ही खराब है। देश भर में कुल 46 सरकारी मेंटल हेल्थ केयर इंस्टिट्यूशन है। जो आपको हमेशा काम करते हुए और मरीजों के बोझ का रोना रोते हुए मिलेंगे। लेकिन असलियत यह है कि जो मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो गए हैं उनको भी वहां रखा जाता है। डॉक्टर,स्टाफ, दवाइयां,साफ सफाई, सुविधा की कमी तो है ही लेकिन मरीज वहा अमानवीय हालत में रह रहे हैं यह रिपोर्ट मिली है।
इस रिपोर्ट के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव से लेकर संस्था के निर्देशक, चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी को आयोग का नोटिस भेजा गया है। तथा उनको जवाब देने के लिए 6 हफ्तों की मोहलत दी गई है। पिछले तीन-चार दिनों के दौरान शुरुआत आयोग से ग्वालियर के मेंटल हेल्थ केयर हॉस्पिटल का दौरा किया। फिर आगरा और रांची के हॉस्पिटल का भी दौरा किया गया है। सब जगह हालत बहुत ही खराब देखने को मिला। फिर बाकी जगहों के भी सरकारी मेंटल हेल्थ केयर हॉस्पिटल का भी दौरा किया गया। सब जगह की रिपोर्ट बेहद ख़राब मिली।
The Condition of all Government Mental Health Care Institutions in the Country
आयोग से पूछा गया यह सवाल
2017 के मेंटल हेल्थ केयर एक्ट के अनुसार जो कुछ इन अस्पतालों में किया जाना चाहिए था वैसा कुछ भी नहीं किया गया डॉक्टर स्टाफ दवाई साफ सफाई सुविधा की कमी देखी जा रही है तथा जो मरीज ठीक हो गए हैं उनको रिहैबिलिटेट नहीं किया जा रहा है नए एक्ट के मुताबिक अगर परिवार मरीज को घर नहीं ले जा रहा है तो यह प्रावधान है कि हाफ वे होम में ले जाया जाए। लेकिन एक्ट में 2017 में ये प्रावधान होने के बावजूद उसका इंतजाम नहीं किया गया है। एक्ट के मुताबिक रूल्स फ्रेम करके सेंट्रल अथॉरिटी बनी थी यह भी नहीं किया गया है। आयोग से पूछा गया कि जो स्वस्थ हो चुके हैं वह यहां क्यों रह रहे हैं ? सरकार से मिलने वाले ग्रांड को हासिल करने के लिए क्या नंबर बढ़ाने वाली बात है? इस मामले में सभी अस्पतालों से Action taken रिपोर्ट आयोग ने मांगी है।
आयोग ने नोटिस दिया
NHRC यानी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव, डीजीएचएस, सभी राज्यों के चीफ सेक्रेटरी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी, UT एडमिनिस्ट्रेशन, 46 संस्थान के निदेशकों, DGP, पुलिस कमिश्नर को नोटिस दिया है।आयोग इस मामले पर अब अपनी नजर रखेगी।
पेंशन पाने वालों के लिए नया परिपत्र जारी – New Circular Issued for Pensioners