What Happen if we sleep late Night
शास्त्रों में कहा गया है की हमे रात में जल्दी सोना चाहिए और सुबह जल्दी ब्रह्मा मुहूर्त में उठना चाहिए – Early to bed and early to Rise, Makes a Man Healthy, Wealthy, and Wise. तो देर रात तक जगाने से होने वाले नुकसान को जानने के लिए इस पोस्ट को अंत तक पढ़ना बिलकुल ना भूलें।
जीवनशैली की कई गड़बड़ आदतों ने हमारी सेहत को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। नींद की समस्या भी उनमें से एक है। देर रात तक काम करते रहने, टीवी देखने, मोबाइल पर गेम खेलने जैसी आदतों के चलते हम में से ज्यादातर लोग रात में देर तक जगते रहते हैं। कई लोगों को तो रात में 1-2 बजे तक सोने की आदत बन जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ आपकी इस आदत को सेहत को लिए बहुत ही नुकसानदायक मानते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक देर रात तक जगने की आदत आपके स्लीप साइकल को प्रभावित कर देती है, जिससे आपकी नींद पूरी नहीं होती है। नींद की कमी को अध्ययनों में शारीरिक-मानसिक दोनों ही तरह की सेहत के लिए काफी गंभीर बताया है।
सर्कैडियन रिदम स्लीप डिसऑर्डर के कारण आपको कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। इसके कारण सोने में मुश्किल होना, रात में अक्सर नींद टूट जाने और नींद पूरी न हो पाने की दिक्कत हो सकती है। नींद में होने वाले व्यवधान को गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों से जोड़कर देखा जाता है। यही कारण है कि सभी लोगों को रात में सात-आठ घंटे की निर्बाध नींद लेने की सलाह दी जाती है। आइए जानते हैं देर तक जागने और नींद न पूरी होने का शरीर पर किस तरह से असर हो सकता है।
हृदय रोगों का बढ़ जाता है खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो देर रात तक जागते रहने और नींद की अपर्याप्तता का सीधा असर आपके हृदय की सेहत पर हो सकता है। यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित एक विश्लेषण के अनुसार रात में 5 घंटे से कम और 9 घंटे से अधिक सोने, दोनों का हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। विशेष रूप से, नींद की कमी से कोरोनरी हार्ट डिजीज या स्ट्रोक की आशंका बहुत अधिक बढ़ जाती है। समय से सोना और समय से जागना दोनों बेहतर सेहत के लिए आवश्यक है।
दिमाग पर असर।
रात में नींद पूरी न होने का असर आपके मानसिक स्वास्थ्य और दिमाग की क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है। एक्सपेरिमेंटल ब्रेन रिसर्च द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन में 18 पुरुषों के एक समूह को दो टास्क दिए गए। पहला टास्क रात में अच्छी नींद के बाद करना था जबकि दूसरे टास्क से पहले रात भर जागने को कहा गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि मात्र एक रात नींद पूरी न हो पाने के कारण प्रतिभागियों की स्मृति, निर्णय लेने और तर्क करने की क्षमता पर असर देखने को मिला। नींद की लगातार कमी बने रहना आपके मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर नकारात्मक असर भी डाल सकती है।
इसलिए शास्त्रों में कहा गया है की हमे रात में जल्दी सोना चाहिए और सुबह जल्दी ब्रह्मा मुहूर्त में उठना चाहिए।
आइए हम जानते है की क्या होता है अगर आप ब्रह्मा मुहूर्त में उठते है।
ब्राह्म मुहूर्त में उठने के फायदे।
ब्राह्मे मुहूर्ते संजाग्रच्छि वा पंकज यथा॥
ब्रह्म मुहूर्त में उठने से व्यक्ति को सुंदरता, लक्ष्मी, बुद्धि, स्वास्थ्य, आयु आदि की प्राप्ति होती है। ऐसा करने से शरीर कमल की तरह सुंदर हो जाता हे।
जैविक घड़ी पर आधारित शरीर की दिनचर्या
प्रातः 3 से 5 – इस समय जीवनी-शक्ति विशेष रूप से फेफड़ों में होती है। थोड़ा गुनगुना पानी पीकर खुली हवा में घूमना एवं प्राणायाम करना । इस समय दीर्घ श्वसन करने से फेफड़ों की कार्यक्षमता खूब विकसित होती है। उन्हें शुद्ध वायु (आक्सीजन) और ऋण आयन विपुल मात्रा में मिलने से शरीर स्वस्थ व स्फूर्तिमान होता है। ब्रह्म मुहूर्त में उठने वाले लोग बुद्धिमान व उत्साही होते है, और सोते रहने वालों का जीवन निस्तेज हो जाता है ।
प्रातः 5 से 7 – इस समय जीवनी-शक्ति विशेष रूप से आंत में होती है। प्रातः जागरण से लेकर सुबह 7 बजे के बीच मल-त्याग एवं स्नान का लेना चाहिए । सुबह 7 के बाद जो मल-त्याग करते है उनकी आँतें मल में से त्याज्य द्रवांश का शोषण कर मल को सुखा देती हैं। इससे कब्ज तथा कई अन्य रोग उत्पन्न होते हैं।
यही वजह है की हमारे बड़े बुजुर्ग हमे सुबह जल्दी उठने के लिए कहते है।
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