कानून क्या है , कानून का मतलब क्या है, कानून के कितने प्रकार है. – What is law, what is the Meaning of Law, How Many Types of Law. 

आज इस आर्टिकल में हम कानून संबंधित जानकारियों देने वाले हैं बस आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें, हमारे इस आर्टिकल को पढ़कर आपके मन में कानून से संबंधित जितने भी प्रश्न होंगे आपको उन सारे प्रश्नों के उत्तर मिल जाएंग।

कानून क्या है , कानून का मतलब क्या है, कानून के कितने प्रकार है. – What is law, what is the Meaning of Law, How Many Types of Law.

 

कानून क्या है , कानून का मतलब क्या है, कानून के कितने  प्रकार है. -  What is law, what is the meaning of law, how many types of law.
LAW

 

कानून क्या हैं?
राज्य अपने नागरिकों के जीवन के संचालन हेतु नियमों का निर्माण करता है, जिनका पालन करना व्यक्ति के लिए आवश्यक होता है और जिनका पालन न किये जाने पर व्यक्ति दण्ड का भागी होता है।

किसी भी देश या राज्य द्वारा निर्मित और लागू किए जाने वाले इन नियमों को ही कानून कहते हैं। कानून आंग्ल भाषा के ‘ लॉ ‘ (Law) शब्द का हिन्दी रूपान्तर है। ‘ लॉ ‘ शब्द की उत्त्पत्ति ट्यूटॉनिक ‘ लैग ‘ (Law) शब्द से हुई है,

जिसका अर्थ होता है ऐसी वस्तु जो सदा स्थिर, स्थायी और निश्चित या सभी परिस्थितियों में समान रूप में रहे। अतः शब्द व्युत्पत्ति की दृष्टि से ‘ कानून ‘ का अर्थ है ‘ वह जो एकरूप बना रहे। ‘ऑक्सफोर्ड शब्दकोश’ में इसकी परिभाषा ‘ सत्ता द्वारा आरोपित आचार व्यवहार के नियम के रूप में की गयी है।
कानून की परिभाषा क्या हैं?
किसी भी देश, राज्य या फिर संस्था को नियमित ढंग से व सुचारू रूप से चलाने के लिए कई प्रकार के नियमों और विधियों को बनाये जाते हैं जिसका पालन करना हर उस नागरिक का कर्तव्य हैं जो उस देश या राज्य का निवासी होता हैं, अर्थात इन नियमों और विधियों का पालन न किए जाने पर वह नागरिक दंड का भागी होगा।
कुछ प्रमुख विद्वानों द्वारा कानून की परिभाषा इस प्रकार की गयी है : वुडरो विल्सन के अनुसार, ‘ कानून स्थिति , विचार तथा स्वभाव का वह अंश है, जिसे शासक की शक्ति लागू करती है। ” आस्टिन के अनुसार , ‘ कानून सम्प्रभु की आज्ञा है।
“ग्रीन के अनुसार, ” अधिकारों और कर्तव्यों की उस पद्धति को कानून कहा जा सकता है, जिसे सरकार लागू करती है। ” उपर्युक्त परिभाषाओं की अपेक्षा हालैण्ड की परिभाषा अधिक स्पष्ट है, जिसके अनुसार, “आचरण के उन सामान्य नियमों को कानून कहते हैं,

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LAW

जो मनुष्य के बाहरी आचरण से सम्बन्धित होते हैं और जिन्हें एक निश्चित सत्ता लागू करती है। यह निश्चित सत्ता राजनीतिक क्षेत्र की मानवीय सत्ताओं में सर्वोच्च होती है।

“उपर्युक्त परिभाषाओं के आधार पर कहा जा सकता है कि कानून वे नियम हैं जिन्हें राज्य के द्वारा निर्मित या स्वीकृत किया जाता है और जिनका पालन न करने पर राज्य के द्वारा दण्डित किया जाता है।
कानून कितने प्रकार के होते हैं?

विभिन्न विद्वानों ने कानूनों का वर्गीकरण विभिन्न प्रकार से किया है, कुछ विद्वान ने निजी सार्वजनिक विशेषताओं के आधार पर, तो कुछ अन्य विद्वानों ने राष्ट्रीयता एवं अन्तर्राष्ट्रीयता के आधार पर किया हैं,
कानूनों को मुख्य रूप से 8 भागो में बांटा गया हैं जो निचे दिए गए हैं।
व्यक्तिगत कानून (Private Laws)
ये कानून व्यक्तियों के पारस्परिक सम्बन्धों को निश्चित करते हैं उदाहरणस्वरूप, ऋण सम्बन्धी कानून और जायदाद खरीदने व बेचने के कानून इसी श्रेणी में आते हैं।
सार्वजनिक कानून (Public Laws)
इस कानूनों द्वारा व्यक्ति का सरकार या राज्य के साथ सम्बन्ध निश्चित किया जाता है। उदाहरणस्वरूप, कर लगाने , चोरी, डकैती और हत्या करने वालों को दण्ड देने के लिए जो कानून बनाये जाते हैं, इन्हें इसी सूची में शामिल किया जाता है।
संवैधानिक कानून (Constitutional Laws)
संवैधानिक कानून उस कानून को कहते हैं जिसके द्वारा सरकार का ढांचा निश्चित किया जाता है और जिसके द्वारा राज्य के प्रति नागरिकों के अधिकारों तथा कर्तव्यों का विश्लेषण किया जाता है। उदाहरणस्वरूप,

भारत में राष्ट्रपति का निर्वाचन, सर्वोच्च न्यायालय का गठन और शक्तियां तथा राज्यपाल की नियुक्ति से सम्बन्धित कानून संवैधानिक कानून के ही उदाहरण हैं।
सामान्य कानून (Ordinary Laws)
नागरिकों के दैनिक जीवन एवं आचरण को नियमित करने वाले कानूनों को सामान्य कानून कहते हैं वे व्यवस्थापिका द्वारा नियमित होते या रीति – रिवाजों और परम्पराओं पर आधारित होते हैं। लचीले संविधान में तो सामान्य कानून और संवैधानिक कानून के निर्माण की एक ही प्रक्रिया होती है,

 

किन्तु कठोर संविधान में संवैधानिक कानून के निर्माण , परिवर्तन या संशोधन की प्रक्रिया सामान्य कानून से भित्र तथा विशेष प्रकार की होती है ।
प्रशासकीय कानून (Administrative Laws)
किसी – किसी देश में साधारण नागरिकों से पृथक् सरकारी कर्मचारियों के लिए अलग कानून होते हैं। इन कानूनों को प्रशासकीय कानून कहते ‘ ये वे नियम ह जो राज्य के सभी के अधिकारों तथा कर्तव्यों को निश्चित करते हैं। ‘ फ्रांस प्रशासकीय कानून का सर्वोत्तम उदाहरण है।
प्रथागत कानून (Common Laws)
ये देश में प्रचलित रीति – रिवाज और परम्पराओं का विकसित रूप होते हैं और न्यायालय इन्हें मान्यता देकर कानून का रूप प्रदान करते है। इंगलैण्ड में कानून के विकास में रीति – रिवाजों ने महत्वपूर्ण भाग लिया है। इसलिए वहां ‘ कॉमन लॉ काफी प्रचलित है।
अध्यादेश (Ordinance)
किसी विशेष परिस्थिति का सामना करने के लिए अथवा किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए, कार्यपालिका के द्वारा एक निश्चित अवधि के लिए जो आदेश जारी किया जाता है, उसे अध्यादेश कहते हैं। भारत के राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने का अधि कार प्राप्त है।
अन्तर्राष्ट्रीय कानून (International Laws)
कानून के उपर्युक्त सभी भेद राष्ट्रीय कानून के ही उदाहरण हैं, किन्तु इनके अतिरिक्त भी एक और कानून होता है। विश्व के स्वतन्त्र राष्ट्रों के पारस्परिक सम्बन्ध को नियमित करने वाले कानूनों को अन्तर्राष्ट्रीय कानून कहते हैं।

ओपनहेम (Oppenheim) के शब्दों में, “अन्तर्राष्ट्रीय विधि प्रयासों और परम्पराओं का वह समूह है जो सभ्य राज्यों द्वारा अपने आपसी सम्बन्ध में कानूनी तौर पर बाध्य समझा जाता है।”

 

 

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