मकर-संक्रान्ति 14 जनवरी को ही क्यों मनाई जाती हैं – Why Makar Sankranti Celebrated on 14th January
हिंदू रीति-रिवाजों में मकर संक्रांति एक बहुत ही शुभ दिन माना जाता है। मकर संक्रांति का त्योहार भारत में हर साल 14 जनवरी को मनाते हैं। पूरे भारत में इस त्यौहार को बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन से ही धरती पर अच्छे दिनों की शुरुआत मानी जाती है। जब सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश होता है जिसे संक्रांति कहते हैं। इसी तरह सूर्य के मकर राशि में प्रवेश होने को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। मकर संक्रांति को कई जगहों पर उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है।
मकर संक्रांति मनाने के कारण –
- पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में आता है उस दिन ही इस त्यौहार को मनाया जाता है। वर्तमान समय में यह त्योहार जनवरी माह के 14 या 15 दिन ही पड़ता है इसलिए इसी दिन ही मकर संक्रांति के त्यौहार को मनाया जाता है।
- मकर संक्रांति के त्यौहार का एक यह भी कारण है कि भगवान सूर्य दक्षिण से उत्तरी गोलार्ध में गमन करते हैं इससे देवताओं के दिन का भी आरंभ होता है, इसलिए भी मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है।
मकर संक्रांति का इतिहास –
- मकर संक्रांति का इतिहास बहुत ही पुराना है। पौराणिक कथाओं के आधार पर संक्रांति नाम के एक देवता थे उनके नाम पर ही इस त्यौहार का नाम पड़ा। इस दिन संक्रांति नामक देवता ने संकरासुर दानव का वध किया था। इसके दूसरे दिन को विक्रांत या कारिदिन के नाम से जाना जाता है यह वही दिन था जब देवी ने किंकारासुर राक्षस का वध किया था।
- महाभारत काल में भीष्म पितामह ने अपने देह त्याग करने के लिए मकर संक्रांति के दिन को ही चुना था। माना जाता है कि इस दिन जो व्यक्ति अपने प्राण का त्याग करता है, उसे बार-बार जन्म – मरण से मुक्ति मिल जाती है और वह मोक्ष प्राप्त करता है।
मकर संक्रांति का महत्व –
- मकर संक्रांति के दिन जो दान पुण्य करते हैं वह बहुत ही फलदायी माना जाता है।
- यह त्यौहार भगवान सूर्य और शनि के मिलन का प्रतीक माना जाता है। इस दिन तिल और गुड़ को भेंट करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं।
- मकर संक्रांति के दिन देवताओं के दिन का आरंभ होता है जो सकारात्मकता का प्रतीक है।
मकर संक्रांति से जुड़ा वैज्ञानिक कारण –
- इस दिन से ही सूर्य के उत्तरायण होने से प्रकृति में भी कुछ बदलाव होते हैं।
- ठंड से सिकुड़ते लोगों को शीत ऋतु से राहत मिलना शुरू हो जाता है।
- मकर संक्रांति के समय नदियों में वाष्पन होती है। इस दिन नदियों में स्नान करने से तमाम तरह के रोग दूर हो जाते हैं।
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