घबराहट में पसीना क्यों आता है? – Why Sweating Under Stress

हमारे साथ कई बार ऐसा होता है हम कोई काम पहली बार करते है वो भी बहुत से लोगो के सामने तो हमे अंदर ही अंदर घबराहट सी होने लगती है। जैसे की कौंफ्रैंस रूम में प्रेजेंटेशन देना , स्पीच देना। यह एक सामान्य प्रक्रिया है जो अकसर हमारे साथ होती है। यह अत्यधिक तनाव अथवा तनावपूर्ण परिस्थितियों की एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। ऐसे में घबराहट तो होती है साथ में पसीना भी आता है तो ऐसा क्यों होता है जानते है इसके बारे में हमारे इस आर्टिकल में।

घबराहट में पसीना क्यों आता है? – Why Sweating Under Stress?

घबराहट में पसीना क्यों आता है? - Why Sweating Under Stress
Why Sweating Under Stress

किसी निश्चित कार्य को न कर पाने के भय के दौरान भी कुछ इसी तरह की स्थिति महसूस होती है। कई दफा तीखे मसालेदार भोजन, जंक फूड्स, शराब का सेवन, धूम्रपान या कैफीन के अधिक प्रयोग से भी ऐसा हो सकता है। पसीना शरीर के कुछ खास हिस्सों में अधिक आता है। जैसे हमारी हथेलियां, माथा, पैर के तलवे, बगल की जगहों आदि में, क्योंकि इन हिस्सों में स्वेटग्लैंड्स अधिक मात्रा में होते हैं।

पसीना निकलता है ताकि हमारे शरीर का तापमान घट जाए। यही वजह है कि जब आप जौगिंग पर जाते हैं, व्यायाम करते हैं, मेहनत का काम करते हैं या फिर गरमी अधिक हो रही होती है। आप को पसीना आने लगता है। तनावपूर्ण परिस्थिति में भी हर का तापमान बढ़ जाता है और पसीना आता है।

पसीना किन कारणों से आता है?

घबराहट में पसीना क्यों आता है? - Why Sweating Under Stress
Why Sweating Under Stress

जब आप नर्वस होते हैं तो आप के स्ट्रैस हारमोन ऐक्टिवेट हो जाते हैं। इस से आप के शरीर का तापमान और हृदय की धड़कनें बढ़ जाती हैं। मस्तिष्क में मौजूद हाइपोथेलेमस जो पसीने को नियंत्रित करता है, स्वेट ग्लैंड्स को संदेश भेजता है कि शरीर को ठंडा करने के लिए थोड़ा पसीना निकालना जरूरी है। सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम इमोशनल सिग्नल्स को पसीने में बदल देता है। आप इस प्रक्रिया को नियंत्रित नहीं कर सकते।

कैसे बचें इन परिस्थितियों से

घबराहट में पसीना क्यों आता है? - Why Sweating Under Stress
Why Sweating Under Stress

परेशान न हों और न ही घबराएं। इस से आप की परेशानी और बढ़ जाएगी। घबराहट में सांसें तेज चलने लगती हैं। रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है, जिस से और अधिक पसीना निकलने लगता है।

रिलैक्सेशन और मैडिटेशन

अगर आप के दिल की धड़कनें तेज हो गईं हों तो थोड़ा रिलैक्स होने का प्रयास करें। अपनी ब्रीदिंग पर फोकस करें। गहरी सांसें लें। कुछ देर तक ( 5-6 सेकंड) रोक कर रखें और फिर छोड़ दें। इस से आप का मन शांत होगा और स्ट्रैस घट जाएगा।

नियमित रूप से एक्सरसाइज करें

जो लोग नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं, उन्हें तनाव कम होता है। आत्मविश्वास बढ़ता है। आप जितने अधिक आत्मविश्वासी होंगे तनावपूर्ण स्थितियों को उतने बेहतर तरीके से हैंडल कर पाएंगे।

शरीर में जल का स्तर बनाए रखें

अपने शरीर का तापमान कम रखने के लिए पानी अधिक पीएं ताकि अधिक ऊष्मा को आप का शरीर त्वचा से पसीने के रूप में बाहर निकाल दे।

ऐंटीपर्सपिरैंट इस्तेमाल करें

ऐंटीपर्सपिरैंट में पसीने को ब्लौक करने की क्षमता होती है। अगर आप को नर्वस, स्ट्रैस या ऐंग्जाइटी स्वैट की समस्या है, हथेलियों में पसीना ज्यादा आता है तो ऐंटीपर्सपिरैंट लगाएं।

 

 

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