सरसों के तेल का उपयोग ज्यादातर लोग खाना पकाने के लिए करते हैं, साथ ही सरसों के तेल का सेवन सेहत को भी काफी फायदा पहुंचाता है। क्योंकि सरसों का तेल औषधीय गुणों से भरपूर होता है। तो चलिए जानते हैं सरसों के तेल के फायदे। ज्यादातर इंडियन घरों में आज भी कुकिंग के लिए सरसों का तेल पहली पसंद है। सरसों के तेल को खाना बनाने से लेकर मालिश करने तक के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
Use and Benefits of Mustard Oil
ज्यादातर इंडियन घरों में आज भी कुकिंग के लिए सरसों का तेल पहली पसंद है। सरसों के तेल को खाना बनाने से लेकर मालिश करने तक के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वैसे तो आज के समय में बहुत से कुकिंग ऑयल मार्केट में उपलब्ध हैं, जो ज्यादा हेल्दी होने का दावा करते हैं। लेकिन कई घरों में आज भी सरसों के तेल को ही इस्तेमाल किया जाता है। असल में सरसों के तेल (Mustard Oil) को सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। सरसों के तेल में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी ऐसिड, पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड, सैचुरेटेड फैट, प्रोटीन, फाइबर और अन्य माइक्रो-न्यूट्रीएंट्स होते हैं, जो शरीर को कई समस्याओं से बचाने में मदद कर सकते हैं। सरसों के तेल से बने खाने का सेवन करने से वजन को भी कम करने में मदद मिल सकती है। तो चलिए जानते हैं सरसों के तेल से होने वाले फायदे।
सरसों का तेल क्या है? – What is Mustard Oil?
सरसों के तेल को सरसों (पौधा) के बीजों से निकाला जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम ब्रेसिका जुनसा है, जिसे विभिन्न भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। अंग्रेजी में इसे मस्टर्ड, तेलुगु में अवन्यून, मलायम में कदुगेना और मराठी में मोहरीच कहा जाता है। सरसों के बीज भूरे, लाल और पीले रंग के होते है। मशीनों की मदद से इनमें से तेल निकाला जाता है। भारत में इसका प्रचलन ज्यादा है और प्रतिदिन बनने वाले भोजन में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। यह तेल जायका बढ़ाने के साथ-साथ भोजन को पौष्टिक भी बनाता है।
सरसों तेल के फायदे – Use and Benefits of Mustard Oil
1.बालों को लंबा करने के लिए सरसों तेल का इस्तेमाल
यदि आप चाहते हैं कि आपके बाल जल्दी लंबे हों, इन्हें जड़ से मजबूती मिले तो सप्ताह में सरसों का तेल दो बार जरूर लगाएं। इससे बाल जड़ से स्ट्रॉन्ग होंगे। बाल काले होंगे। सबसे पहले सरसों के तेल को हल्का गुनगुना कर लें और अपनी हथेलियों में लेकर अच्छी तरह से स्कैल्प में तेल लगाएं। अब धीरे-धीरे मसाज करें। दो-तीन घंटे बाद किसी माइल्ड शैम्पू से बालों को साफ कर लें। आप एक कटोरी में सरसों तेल और 3-4 करी के पत्ते डालकर कम आंच पर पकाएं। जब करी पत्ते का रंग बदलने लगे तो गैस बदं कर दें। इस तेल को गुनगुना करके बालों और स्कैल्प पर अच्छी तरह से लगाकर मालिश करें। करी पत्ते से सिर की खुजली, रेडनेस भी दूर होगी। डैंड्रफ से भी छुटकारा मिल सकता है।
2.चेहरे पर लगाएं सरसों का तेल
सरसों का तेल त्वचा के लिए बहुत लाभदायक होता है। इसमें विटामिन ई भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जिसके चलते चेहरे की स्किन मुलायम होती है इसे लगाने से हमारे चेहरे पर बुढ़ापा नहीं दिखती है। साथ ही इसका हमेशा इस्तेमाल करने से चेहरे से दाग-धब्बे भी गायब हो जाते हैं।
3.दांत संबंधी समस्या
सरसों के तेल के लाभ दांत संबंधी समस्याओं में भी कारगर साबित हो सकते है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस तेल को हल्दी के साथ इस्तेमाल करने पर मसूड़ों की सूजन और पेरियोडोंटाइटिस (मसूड़ों से जुड़ा संक्रमण) से निजात मिल सकती है। वहीं, सरसों तेल और नमक का उपयोग मौखिक स्वच्छता में भी सुधार करने का काम कर सकता है। सरसों तेल, हल्दी और नमक को पेस्ट की तरह उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आधा चम्मच सरसों का तेल, एक चम्मच हल्दी और आधा चम्मच नमक मिलाकर पेस्ट बना लें। फिर इस पेस्ट से दांतों और मसूड़ों पर कुछ मिनट तक मालिश करें। इसे हफ्ते में तीन-चार बार उपयोग कर सकते हैं। फिलहाल, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है, ताकि इसमें मौजूद कौन सा गुण दंत स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, यह बात पूरी तरह स्पष्ट हो सके।
4.वज़न कम करने में मददगार
खाने में अगर सरसों के तेल का उपयोग किया जाए, तो आपको वज़न घटाने में भी मदद मिल सकती है। इस तेल में मौजूद विटामिन्स जैसे थियामाइन, फोलेट और नियासिन शरीर के मेटाबाल्ज़िम को बढ़ावा देते हैं, जिससे वज़न कम होता है। पेट का स्वस्थ रहना हमारे शरीर को हेल्दी रखने के लिए बहुत जरूरी है। पाचन तंत्र खराब होने से हमारे पूरे शरीर पर असर पड़ता है। तो अगर आप भी पाचन को बेहतर रखना चाहते हैं तो सरसों के तेल से बने खाने का सेवन कर सकते हैं।
5.हृदय स्वास्थ्य
सरसों तेल के फायदे हृदय स्वस्थ के लिए भी सहायक हो सकते हैं। दरअसल, एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट में प्रकाशित एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, सरसों का तेल मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (MUFA & PUFA) के साथ-साथ ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड से समृद्ध होता है। ये दोनों फैटी एसिड मिलकर इस्केमिक हृदय रोग (रक्त प्रवाह की कमी के कारण) की आशंका को 50 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। वहीं, एक दूसरे शोध में दिया है कि सरसों के तेल को हाइपोकोलेस्टेरोलेमिक (कोलेस्ट्रॉल कम करने वाला) और हाइपोलिपिडेमिक (लिपिड-लोअरिंग) प्रभाव के लिए भी जाना जाता है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है और शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है, जिससे हृदय रोग के जोखिम को कम किया जा सकता है
6.कैंसर
कैंसर एक घातक बीमारी है, जिससे हर कोई बचना चाहता है। ऐसे में सरसों के तेल का इस्तेमाल इस समस्या से बचने के लिए कुछ हद तक मदद कर सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन से पता चलता है कि एलिल आइसोथियोसाइनेट (सरसों के तेल) में एंटी कैंसर गुण होते हैं, जो कैंसर सेल्स के विकास को रोकने का काम कर सकते हैं। इसके अलावा, एक दूसरा अध्ययन भी यही साबित करता है। इस अध्ययन में कोलन कैंसर से प्रभावित चूहों पर सरसों, मकई और मछली के तेल के असर का परीक्षण किया गया। इस शोध में पाया गया कि कोलन कैंसर को रोकने में मछली के तेल की तुलना में सरसों का तेल अधिक प्रभावी साबित हुआ।
7.अनिद्रा से मिलती है छूटकारा
यदि आपको अनिद्रा की बीमारी है और आपको अच्छी नींद नहीं आती है तो रात को सोने से पहले पैर के तलवे में सरसों के तेल का मालिश करें। ऐसा करने से हमारी थकान दूर हो जाती है और हमे अच्छी नींद आती है। सरसों के तेल में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो बैक्टीरिया, फंगस और वायरस से होने वाली बीमारियों से बचाने में मदद कर सकते हैं। सरसों के तेल से बने खाने का सेवन कर इम्यूनिटी को मजबूत बनाया जा सकता है।
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