मुग़ल साम्राज्य का तीसरा वंशज अकबर – Who was the Akbar?

Who was the Akbar?

सम्राट अकबर मुगल साम्राज्य के संस्थापक जहीरूद्दीन मोहम्मद बाबर का पौत्र और नसीरुद्दीन हुमायूं एवं हमीदा बानो का पुत्र था। बाबर वंश तैमूर और मंगोल नेता चंगेज खां से संबंधित था। अर्थात उस के वंशज तैमूर लंग के खानदान से थे और मातृ पक्ष का संबंध चंगेज खां से था।

Who was the Akbar?

 

मुग़ल साम्राज्य का तीसरा वंशज अकबर - The Third Descendant of the Mughal Empire Akbar
Akbar

मुग़ल साम्राज्य का तीसरा वंशज अकबर – The Third Descendant of the Mughal Empire Akbar

अकबर कौन था? – Who was the Akbar?

जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर तैमूरी वंशावली के मुगल वंश का तीसरा शासक था। अकबर को अकबर- ए -आज़म,शहंशाह अकबर, महाबली शहंशाह के नाम से भी जाना जाता है। जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 ई. अमरकोट में हुआ था। अकबर का जन्म पूर्णिमा के दिन हुआ था इसलिए उसका नाम बदरुद्दीन मोहम्मद अकबर रखा गया था। सम्राट अकबर मुगल साम्राज्य के संस्थापक जहीरूद्दीन मोहम्मद बाबर का पुत्र पौत्र और नसीरुद्दीन हुमायूं एवं हमीदा बानो का पुत्र था। बाबर वंश तैमूर और मंगोल नेता चंगेज खां से संबंधित था। अर्थात उस के वंशज तैमूर लंग के खानदान से थे और मातृ पक्ष का संबंध चंगेज खां से था।

अकबर कैसे राजा थे?

अकबर तीसरी मुगल सम्राट थे, जो कि सिर्फ 13 वर्ष की छोटी सी उम्र में मुगल राजवंश के सिंहासन पर बैठ गए थे। और उन्होंने अपने मुगल साम्राज्य का न सिर्फ काफी विस्तार किया बल्कि हिंदू मुस्लिम एकता पर बल देने के लिए कई नीतियां भी बनाई थी। अपने शासनकाल में शांतिपूर्ण माहौल स्थापित किया एवं कराधान प्रणाली को फिर से संगठित किया। उन्हें अकबर- ए -आजम शहंशाह अकबर के नाम से भी जाना जाता था।अकबर खुद अनपढ़ होने के बाद भी शिक्षा सबसे ज्यादा महत्व देते थे। लेकिन वे एक बुद्धिमान और ज्ञानी शासक थे, जिन्हें लगभग सभी विषयों में आसाधरण ज्ञान प्राप्त था। इसीलिए उसके शासन काल में कला, साहित्य, शिल्पकला का काफी विकास हुआ था। उसने अपने राज्य में सभी के लिए विशेषरूप से महिलाओ के लिए शिक्षा पर ज्यादा ध्यान दिया था।वे सभी धर्मों का आदर सम्मान करते थे। कई अलग-अलग धर्मों के तत्वों को इकट्ठा कर अकबर ने नया संपादन दीन ए इलाही की स्थापना भी की थी।

अकबर की कितनी पत्नियां थी?

मुगल सम्राट अकबर की 300 पत्नियां थी सभी को साईं अधिकार नहीं मिले थे इनमें 35 ही थी जिनको यह अधिकार मिले थे जिसमें सबसे ज्यादा ख्याति उनकी पत्नी जोधाबाई को मिली जो अजमेर के राजपूत शासक राजा भारमल की पुत्री थी उन्हें मरियम -उज-जमानी के नाम से भी जाना जाता है।अकबर की पहली शादी रुकैया बेगम से हुई थी जो उनकी सखी भी थी।

अकबर की संताने मुगल बादशाह अकबर की कुल 8 संतानें थी। जिसमें 5 पुत्र थे जो क्रमशः जहांगीर सलीम, मुरादा मिर्जा, दानियाल मिर्जा, हुसैन और हसन तथा तीन बेटियां क्रमशः शहजादी खानम, शक्कर उन निसा बेगम और आराम बानू बेगम। अपनी सभी संतानों में अकबर दानियाल और सलीम से अत्यधिक प्रेम करते थे।

अकबर की कितनी संताने थी?

मुगल बादशाह अकबर की कुल 8 संतानें थी। जिसमें 5 पुत्र थे जो क्रमशः जहांगीर सलीम, मुरादा मिर्जा, दानियाल मिर्जा, हुसैन और हसन तथा तीन बेटियां क्रमशः शहजादी खानम, शक्कर- उन- निसा बेगम और आराम बानू बेगम। अपनी सभी संतानों में अकबर दानियाल और सलीम से अत्यधिक प्रेम करते थे।

अकबर का युद्ध

बैरम खान 1556 से 1560 ईसवी तक अकबर का संरक्षक रहा। पानीपत की दूसरी लड़ाई 1556 ईस्वी को अकबर और हेमू के बीच हुई। मुगल साम्राज्य में अकबर की दूध माता बैरम खान के विरुद्ध साजिश करती रहती थी। इसी वजह से बैरम को हज के लिए आदेश दिया गया जहां 1561 ईस्वी में उसकी हत्या कर दी गई।

हल्दीघाटी युद्ध मुगल बादशाह अकबर और महाराणा प्रताप के बीच 18 जून, 1576 ई. को लड़ा गया था. अकबर और राणा के बीच यह युद्ध महाभारत युद्ध की तरह विनाशकारी सिद्ध हुआ था। ऐसा माना जाता है कि इस युद्ध में ना तो अकबर की जीत कहीं जा सके ना ही राणा हारे। मुगलों के पास सैन्य शक्ति अधिक थी तो राणा प्रताप के पास जुझारू शक्ति की कोई कमी नहीं थी उन्होंने आखिरी समय तक अकबर से संधि की बात स्वीकार नहीं की। और मान सम्मान के साथ जीवन व्यतीत करते हुए लड़ाई लड़ते रहे अकबर के सेनापति का नाम मानसी था।

 

 

 

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