Historical Places of India:
मोहनजोदड़ो ये आपने कही न कही पढ़ा ही होगा, तो चलिए इससे जुडी और बाते आज हम इस आर्टिकल में जानते है। इसके आलावा भारत के कुछ ऐतिहासिक स्थल (Historical Places of India) के बारे में भी जानते है।
भारत के ऐतिहासिक स्थल – Historical Places of India
1. मोहनजोदड़ो (Mohenjo daro):
मोहनजोदड़ो का शाब्दिक अर्थ है मृतकों का टीला। इसे सिंध नखलिस्तान या सिंध का बाग़ भी कहते हैं। मोहनजोदड़ो सिंध प्रांत के लरकाना जिले (पाकिस्तान) में सिन्धु नदी के तट पर स्थित है। इसकी सर्वप्रथम खोज राखालदास बनर्जी (Rakhaldas Banerjee) ने 1922 ई. में की थी।
मोहनजोदड़ो का सबसे महत्त्वपूर्ण सार्वजनिक स्थल है विशाल स्नानागार, जिसका जलाशय दुर्ग के टीले में है। यहाँ अनेक अन्य सार्वजनिक भवन स्थित थे जिसमें महाविद्यालय भवन, सभा भवन प्रमुख हैं। मोहनजोदड़ो से प्राप्त अन्य पुरातात्त्विक साक्ष्यों में नृत्यरत नारी की कांस्य मूर्ति, मुद्रा पर अंकित पशुपति नाथ शिव, गीली मिट्टी पर कपड़े का साक्ष्य मिला है।
२.अहमदनगर (Ahmednagar):
अहमदनगर की स्थापना 1490 ई. में मलिक अहमद निजामशाही ने की थी। यह महाराष्ट्र में है।
यह निजामशाही सुल्तानों की राजधानी रहा। यह 13वीं शताब्दी में बहमनी साम्राज्य के अंतर्गत था। अहमदनगर यादवों से लेकर मराठों तक की गतिविधि का प्रमख केंद्र रहा है।अकबर ने जब इस पर आक्रमण किया तो था।अहमदनगर यादवों से लेकर मराठों तक की गतिविधि का प्रमुख केंद्र रहा है।अकबर ने जब इस पर आक्रमण किया तो चाँदबीबी ने उसकी सेनाओं का डटकर मुकाबला किया, पर अंत में अकबर ही जीता। मुगलों को अहमदनगर की स्वतंत्र सत्ता बराबर प्रतिरोध झेलना पड़ा।अंततः 1637 ई. में शाहजहाँ ने अहमदनगर को मुग़ल सत्ता में मिला लिया। औरंगजेब के बाद यह मराठों के अधीन आ गया।
3. बनवाली (Banwali):
बनवाली हरियाणा के हिसार जिले में स्थित है। इस स्थल का उत्खनन 1973 ई. में आर. एस. विष्ट ने करवाया था। यहाँ से हड़प्पा एवं हड़प्पा दोनों संस्कृतियों के साक्ष्य मिले हैं। उत्खनन के दौरान यहाँ से हल की आकृति का खिलौना, तिल, सरसों एवं जौ के ढेर तथा मनके, मातृदेवी की मूर्तियाँ, ताँबे के आदि भी प्राप्त हुए हैं।
4. चंपानेर (Champaner):
यह गुजरात राज्य में बड़ौदा के निकट स्थित है। गुजरात के शासक महमूद बेगड़ा ने 1484 ई. में चंपानेर पर अधिकार कर उसे मुहम्मदाबाद नाम दिया था। 1535 ई. में हुमायूँ ने गुजरात के शासक बहादुरशाह को पराजित कर चंपानेर दुर्ग पर अधिकार प्राप्त कर लिया था। चंपानेर गुजरात में खम्भात की खाड़ी में पहुँचने वाले मार्ग पर स्थित था।
5. देवगिरि (Devgiri):
देवगिरि की स्थापना दक्षिण भारत के यादव वंशीय शासक भिल्लम चतुर्थ ने महाराष्ट्र में की थी। सल्तनतकाल में अलाउद्दीन खिलजी ने यहाँ के शासक रामचंद्र देव को हराकर इस नगर को खूब लूटा।
सुलतान मुहम्मद तुगलक जब दिल्ली की गद्दी पर बैठा तो उसे दक्षिण भारत में देवगिरि की केन्द्रीय स्थिति पसंद आई। सुलतान ने देवगिरि का नाम दौलताबाद रखा तथा 1327 ई. में अपनी राजधानी दिल्ली से स्थानांतरित कर के दौलताबाद ले गया। बाद में राजधानी पुनः दिल्ली ले आई गई। 3 मार्च, 1707 ई. में अहमदनगर में औरंगजेब की मृत्यु होने पर उसके शव को दौलताबाद में ही दफनाया गया।
6. रामेश्वरम् (Rameshwaram):
रामेश्वरम् हिन्दुओं का एक पवित्र तीर्थ स्थल है। यह तमिलनाडु के रामनाथपुरम् जिले में स्थित है। यह तीर्थ हिंदुओं के चार धामों में से एक है। इसके अलावा यहाँ स्थापित शिवलिंग बारह (द्वादश) ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।
रामेश्वरम् चेन्नई से लगभग सवा चार सौ मील दक्षिण-पूर्व में है।यह हिन्द महासागर और बंगाल की खाड़ी के चारों ओर से घिरा हुआ सुन्दर शंख आकार का एक द्वीप है। यहाँ भगवान् राम ने लंका पर चढ़ाई करने से पूर्व पत्थरों के एक सेतु का निर्माण करवाया था जिस पर चलकर वानर सेना लंका पहुंची थी।यहाँ के मंदिर का गलियारा विश्व के मंदिरों का सबसे लम्बा गलियारा है।
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